राजा भैया को कहा गया 'गुंडा किंग ऑफ कुंडा' और 27 साल बाद अब मांगनी पड़ी माफी... ये किस्सा क्या है?
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया फिर चर्चा में हैं. मामला 27 साल पुराना है. देश की एक प्रतिष्ठित मैगजीन 'आउटलुक' ने उनके इंटरव्यू की हेडलाइन में 'आज का मिनिस्टर, गुंडा किंग ऑफ कुंडा' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था.
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पूर्वांचल की राजनीति में राजघराने की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया फिर चर्चा में हैं. मामला 27 साल पुराना है. देश की एक प्रतिष्ठित मैगजीन 'आउटलुक' ने उनके इंटरव्यू की हेडलाइन में 'आज का मिनिस्टर, गुंडा किंग ऑफ कुंडा' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. राजा भैया ने हाल ही में एक्स (ट्विटर) पर इस किस्से को साझा करते हुए लिखा कि इतनी बड़ी पत्रिका की भाषा ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया और समर्थकों द्वारा फौरन मानहानि का मुकदमा ठोक दिया गया. अब आउटलुक ने माफीनामा छापा है. हालांकि राजा भैया ने कहा कि 27 साल बाद भी सार्वजनिक जीवन में इस वजह से हुई हानि की भरपाई आसान नहीं है.
यहां नीचे देखिए राजा भैया का एक्स पोस्ट
इस हेडलाइन का तमगा बरसों तक राजा भैया का पीछा करता रहा. 1997 में छपे इंटरव्यू की वजह से 'कुंडा का गुंडा' उनकी छवि में ऐसे जुड़ गया, जैसे उनका दूसरा नाम हो. आपको बता दें कि उसी दौर में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी एक रैली में "गुंडा विहीन करो, ध्वज उठाओ, दो हाथ" जैसे नारे लगाए थे, जिसे लोगों ने राजा भैया से जोड़ दिया. खुद राजा भैया मानते हैं कि 'कुंडा' और 'गुंडा' शब्दों की लय मिलने के कारण ये उपनाम लोकप्रिय हुआ. हालांकि उन्होंने उस वाकये के बाद खुद कल्याण सिंह से इस पर बातचीत भी की थी और स्पष्ट किया कि उनके संबंध सामान्य ही रहे थे.
राजा भैया से जुड़े विवाद, छवि और उनकी बाहुबली की पहचान उनके साथ चिपकी ही रही
राजा भैया का नाम हमेशा 'बाहुबली' और विवादों से जुड़ा रहा. राजघराने से ताल्लुक, घुड़सवारी व गाड़ियों का शौक, जेल जाना, हथियार मिलने से लेकर मगरमच्छ की कहानियों तक कई फिल्मी किस्से उनसे जोड़े जाते रहे. खुद राजा भैया लगातार इन आरोपों का खंडन करते आए हैं, लेकिन छवि की छाया कुछ इस तरह रही कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के दौर में 'कुंडा का गुंडा' उन पर वर्षों चिपका रहा. उन्होंने हर बार दोहराया कि चुनावों में लोग उनके खिलाफ उतरते रहे और वे तमाम विवादों के बीच लगातार जीतते भी रहे.
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राजा भैया फिलहाल राइट विंग की राजनीति की तरफ झुकते नजर रहे हैं. हालांकि वे कभी समाजवादी पार्टी के करीबी रहे, लेकिन आज हिंदुत्व के सवाल पर ज्यादा मुखर हैं. 2027 के चुनाव में उनकी कुंडा सीट पर मुकाबले को लेकर एक बार फिर सबकी नजरें टिकी हुई हैं.
राजा भैया के इस हालिया प्रकरण पर यूपी Tak की वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है.