अब शर्म किसे आनी चाहिए... अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी के यूपी दौरे पर सपा सांसद बर्क ने चुन-चुनकर किया हमला
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने तालिबान मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के यूपी दौरे पर योगी सरकार पर 'दोहरे मापदंड' का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा, "जब शफीकुर्रहमान बर्क पर FIR हुई, तो तालिबान मंत्री को सुरक्षा क्यों?" मुत्ताकी ने देवबंद का दौरा किया है.
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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने शनिवार को सहारनपुर में दक्षिण एशिया के सबसे प्रभावशाली इस्लामी शिक्षण संस्थानों में से एक दारुल उलूम देवबंद का दौरा किया. मुत्ताकी के यूपी दौरे पर अब सियासत तेज हो गई है. संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के यूपी दौरे को लेकर सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने तालिबान के समर्थन में बयान देने पर उनकी पार्टी नेता पर FIR दर्ज की थी, वही अब तालिबान मंत्री को सुरक्षा दे रही है.
सांसद बर्क ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "जब भारत सरकार खुद तालिबान मंत्री मुत्ताकी को भारत बुलाती है और उनका स्वागत करती है, तो कोई सवाल नहीं उठाता. लेकिन जब संभल के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान के बारे में बयान दिया था, तो योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उन्हें शर्म आनी चाहिए और यूपी पुलिस ने उन पर FIR दर्ज कर दी थी." बर्क ने आगे पूछा, "अब वही तालिबान मंत्री आगरा में ताजमहल और देवबंद का दौरा करेंगे और योगी सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा देगी. यह दोहरा मापदंड क्यों? अब शर्म किसे आनी चाहिए और किसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होगी?"
क्या था पुराना विवाद?
यह विवाद अगस्त 2021 का है. तब संभल से लोकसभा सांसद रहे शफीकुर्रहमान बर्क पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का कथित तौर पर बचाव किया था और इसकी तुलना भारत के स्वतंत्रता संग्राम से की थी. भाजपा नेता राजेश सिंघल की शिकायत पर उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज हुआ था. उन पर धारा 153ए (धर्म, जाति आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) भी लगाई गई थी.
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पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बर्क ने तब कहा था कि तालिबान अपने देश को आजाद कराना चाहता था और यह अफगानिस्तान का अंदरूनी मामला है. उन्होंने तालिबान को एक ऐसी ताकत बताया था जिसने रूस या अमेरिका को अफगानिस्तान में टिकने नहीं दिया और अब वे अपना देश खुद चलाना चाहते हैं.
उनके इस बयान की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी आलोचना की थी. मुख्यमंत्री ने तब विधान परिषद में कहा था, "वह बेशर्मी से तालिबान का समर्थन कर रहे थे. इसका मतलब है उनके बर्बर कृत्यों का समर्थन करना. हम एक संसदीय लोकतंत्र हैं. हम कहां जा रहे हैं? हम उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं जो मानवता पर एक धब्बा हैं."