UP के सभी जिलों में 7 मई को होगी मॉक ड्रिल, जानें नरोरा को सबसे ज्यादा सेंसिटिव एरिया में क्यों रखा गया?
UP Mock Drill News: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाने का फैसला लिया है.
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UP Mock Drill News: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई उच्च स्तरीय बैठकें की हैं. बैठकों के नतीजे में गृह मंत्रालय ने सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब 7 मई को देशभर के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करवाई जाएगी, ताकि आतंकी हमलों से निपटने की तैयारियों को परखा जा सके और खामियों को समय रहते दूर किया जा सके. इस बीच यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया है सूबे की संवेदनशीलता को मद्देनजर रखते हुए शासन द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलों में यह मॉक ड्रिल कराई जाएगी.
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, "7 मई को सिविल डिफेंस के मॉक ड्रिल के संबंध में भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं. (यूपी में) 19 जिलों की पहचान की गई है, जिसमें एक जिला ए श्रेणी में है, 2 जिले सी श्रेणी में हैं और बाकी बी श्रेणी में हैं. यहां की संवेदनशीलता को मद्देनजर रखते हुए शासन द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलों में सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवा, आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर यह मॉक ड्रिल की जाए ताकि आकस्मिकता की स्थिति में हम इन चीजों से निपट सकें..."
किस कैटेगरी में कौनसे जिले शामिल?
बता दें कि साल 2010 का गृह मंत्रालय का एक नोटिफिकेशन सामने आया है, जिसके आधार पर जिलों को 3 कैटेगरी में बांटा गया है. इस नोटिफिकेशन में यूपी के 19 जगहों का जिक्र है. इसमें A श्रेणी में बुलंदशहर के नरोरा को रखा गया है. नरोरा को इसलिए A श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यहां अटॉमिक पावर प्लांट है. इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर नरोरा अति संवेदनशील इलाकों में आता है.
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वहीं, B कैटगरी में आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मथुरा, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बक्शी का तालाब, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और सरवासा को रखा गया है.
वहीं, C कैटेगरी में बाग्मत और मुजफ्फरनगर शामिल हैं.
साल 1971 के बाद हो रहा ये मॉक ड्रिल
देश में वार से पहले मॉक ड्रिल साल 1971 में कराया गया था. तब भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ था. एक बार फिर आतंकी गतिविधियों पर बुरी तरह भड़के भारत के आक्रामक रैवेए के बाद मॉक ड्रिल का आयोजन हो रहा है.
देश के ये जिले सबसे ज्यादा सेंसिटिव
वर्ष 2010 में अधिसूचित 244 सिविल डिफेंस जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया था. इनमें दिल्ली (न्यू दिल्ली और कैंटोनमेंट), मुंबई, चेन्नई, कोटा, कलपक्कम, सूरत, वडोदरा, कारापुर, उरण, तारापुर, तालचेर, कोटा, रावतभाटा, बुलंदशहर (नरोरा) को शामिल किया गया है.
क्या होता है मॉक ड्रिल में?
- ब्लैकआउट के हालात बनाए जाते हैं. यानी लाइट्स बंद कर दी जाती है ताकि दुश्मन लक्ष्य न देख पाए.
- सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया जाता है. (मॉक ड्रिल में सायरन बजाने का अभ्यास किया जाता है.)
- नागरिकों को सिखाया जाता है कि हवाई हमले जैसी स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया दें.
- सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने और छिपने की प्रक्रिया का अभ्यास कराया जाता है.
- आपातकालीन हालात में वहां से सुरक्षित निलने का भी अभ्यास कराया जाता है.
- बड़े प्रतिष्ठान-कल कारखानों को छुपाने का अभ्यास किया जाता है.
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