भारत के सबसे बड़े स्टेट का नाम कैसे पड़ा उत्तर प्रदेश? झटके में नहीं हुआ, इसके पीछे पूरा इतिहास

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Uttar Pradesh Name History: क्या आप जानते हैं कि जनसंख्या के लिहाज से भारत के सबसे बड़े राज्य का नाम उत्तर प्रदेश कैसे पड़ा? शायद आपको इतिहास की किताबें या इंटरनेट खंगालना पड़े, लेकिन हम आपकी इस परेशानी को यहीं दूर कर देते हैं. असल में उत्तर प्रदेश नाम के पीछे एक पूरा इतिहास छिपा है. सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताएं जिस प्रदेश में खूब दिखती हों, उसके नाम की कहानी भी जरूर ही अद्भुत होगी. तो चलिए आपको उत्तर प्रदेश का नाम पड़ने की यात्रा से रूबरू कराते हैं. 

अंग्रेजी राज में बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था ये, सुविधा के लिए कहते थे पश्चिमी प्रांत

इस इतिहास की शुरुआत तबसे होती है जब भारत में अंग्रेजों का राज था. उस दौरान अवध के हिस्से को छोड़कर बाकी यहां का हिस्सा बंगाल प्रेसीडेंसी में शामिल था. सुविधा के लिए इस इलाके को पश्चिमी प्रांत कहा जाता था. 1834 में जब आगरा प्रेसीडेंसी बनी तो इसे बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग किया गया. 1836 में इसका नाम 'उत्तर-पश्चिमी प्रांत' कर दिया गया. तब इसका मुख्यालय आगरा था. 

फिर वह वक्त भी आया जब मुख्यालय हो गया इलाहाबाद

1856 में जब अवध भी ब्रिटिश राज का हिस्सा बन गया तो यहां का इतिहास और आगे बढ़ा. 1858 में इसका मुख्यालय आगरा से बदलकर इलाहाबाद (अब प्रयागराज कर दिया गया). 1877 में अवध और उत्तर-पश्चिमी प्रांत को मिलाकर एक कर दिया गया. इसके बाद इस संयुक्त प्रांत को एक नया नाम मिला, वह था 'उत्तर-पश्चिमी प्रांत, आगरा और अवध'. 1902 में एक बार फिर इसका नाम बदला. तब इसका नाम रखा गया 'आगरा और अवध का संयुक्त प्रांत'. 

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इलाहाबाद से लखनऊ राजधानी बनने का किस्सा भी जान लीजिए

एक सवाल यह भी उठता है कि आखिर लखनऊ राजधानी कैसे बना? इसका इतिहास भी जान लीजिए. 2 नवंबर 1925 को 'आगरा और अवध का संयुक्त प्रांत' की राजधानी इलाहाबाद से स्थानांतरिक करके लखनऊ ले जाई गई. लेकिन हाई कोर्ट तब इलाहाबाद में ही रहा. इसके साथ लखनऊ में एक अलग से बेंच बना दी गई. आज भी यही व्यवस्था लागू है. आधिकारिक रूप से जब 1935 में प्रांतीय सचिवालय भी इलाहाबाद से लखनऊ चला गया तो लखनऊ को इस प्रांत की राजधानी घोषित कर दिया गया. 

1937 में फिर बदला प्रदेश का नाम

इस सूबे का नाम बदलने की प्रक्रिया को अभी और भी नए नामों से गुजरना था. 1937 में इस प्रांत का नाम एक बार फिर बदला. तब इसे 'संयुक्त प्रांत' नाम दिया गया. हालांकि यह सेकेंड लास्ट बदलाव ही साबित हुआ, क्योंकि इसके बाद वह घड़ी आई जब इसे अपना फाइनल नाम मिला. 

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1950 में नाम हुआ उत्तर प्रदेश 

देश को आजादी मिलने के करीब 3 साल बाद 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया. 26 जनवरी 1950 को जब भारत एक गणतंत्र बना, तो उत्तर प्रदेश भी इस गणतंत्र का एक राज्य बना. बाद में 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश का विभाजन कर एक नया राज्य उत्तराखंड बनाया गया. साल 2018 से यूपी में 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई है.

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