गले में रस्सी बांधकर बिल्ली का बच्चा समझ तेंदुए के बच्चे को घुमाया, सामने आई सच्चाई तो उड़े होश

उस्मान चौधरी

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Meerut News: तेंदुआ का बच्चा बिल्ली की तरह ही दिखता है. कई लोग उन्हें पहचानने में धोखा खा जाते हैं. कुछ यही हुआ मेरठ के किठौर में रहने वाले बच्चों के साथ. मेरठ के किठौर क्षेत्र के एक आम के बाग में तेंदुए का बच्चा मिला, जिसे बच्चे बिल्ली का बच्चा समझ उसके साथ खेलने लगे. उसे जमीन पर खूब इधर-उधर दौड़ाया. यही नहीं उसके गले में रस्सी बांधकर बगीचे में घुमाया. इसी बीच बगीचे की रखवाली करने वाला युवक भी वहां पहुंचा और देखा तो वह तेंदुए का बच्चा था.

वहीं इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी और ग्रामीणों ने तेंदुए के बच्चों को वन विभाग की टीम को सौंप दिया. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शावक की जांच की. वहीं शावक को मादा तेंदुए से मिलाने के लिए सर्च अभियान चलाया और देर रात मादा तेंदुआ शावक को अपने साथ ले गई.

बच्चे को अपने साथ ले गई मादा तेंदुआ

डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि, ‘गुरुवार को मेरठ के किठौर शाहजहां पुर हापुर बाईपास के पास आम के बाग में ग्रामीणों को एक शावक मिला था. जिसको मादा तेंदुए से मिलाने की प्लानिंग बनाई गई. शाम होने के बाद शावक को उसी स्थान पर रख दिया गया, जहां से उठाया था. शुक्रवार की सुबह को मादा तेंदुआ उसे अपने साथ ले गई.’ डीएफओ का कहना है कि किठौर शाहजहांपुर के मामला है. जंगल के नजदीक एक आम के बाग में जो रखवाली कर रहे थे. उनको एक शावक मिला था. उनकी सूचना के आधार पर वन विभाग ने उसको अपनी कस्टडी में लिया. शावक को दूध भी दिया गया और उसकी मां से उसको मिलाने की योजना बनाई.

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तेंदुए के मूवमेंट को ट्रैक कर रही वन विभाग

राजेश कुमार ने आगे बताया कि सुबह 3 बजे के बीच में मादा तेंदुए ने शावक को अपने साथ में ले गई. यह सफलतापूर्वक और बहुत प्लानिंग के तहत कार्य किया गया. यह बहुत सुखद है कि उसकी मां ने उसको अपना लिया. यह जंगल से जुड़ा हुआ एरिया है. सामान्य प्रक्रिया है, प्रोटोकॉल के तहत कार्य कर रहे हैं. इसमें दो टीमें लगाई गई. एक टीम मादा तेंदुए के मूवमेंट को ट्रैक कर रही है और दूसरी टीम गांव के लोगों के लोगों को समझाने में लगी हुई है.

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