मुख्तार का शव पहुंचते ही उनके घर 'फाटक' पर उमड़ी भीड़, विधायक भतीजे सुहैब ने की ये अपील

यूपी तक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Mukhtar Ansari Death News: बांदा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के एक समूह द्वारा पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी के शव को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद यूसुफपुर स्थित उनके पैतृक निवास लाया गया है. बता दें कि आज यानी 30 मार्च को यहां माफिया मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. अंसारी के अंतिम संस्कार से पहले उनके आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई. मौके पर इस वक्त लोगों का हुजूम मौजूद है. इस बीच मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक और मुख्तार अंसारी के भतीजे सुहैब अंसारी ने लोगों से अपील की है.

मुख्तार अंसारी के भतीजी सुहैब अंसारी ने कहा, "अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है. सभी को उन्हें देखने का मौका मिलेगा. मैं यहां मौजूद सभी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे मर्यादा बनाए रखें...कोई किसी से बदतमीजी नहीं करेगा, ये मेरी आपसे गुजारिश है."

 

 

इससे पहले सुहैब अंसारी ने बताया था कि उनके चचा मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह 10 बजे यूसूफपुर मोहम्मदाबाद (गाज़ीपुर) के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. बता दें कि मुख्तार अंसारी के शव को घर 'फाटक' में ग्लास के चैंबर में रखा गया है. मुख्तार अंसारी के शव को उनकी मां की क्रब के पास में दफनाया जाएगा. 

मालूम हो कि मुख्तार अंसारी को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी. मुख्तार के परिजनों ने अंसारी को जेल में धीमा जहर देने का आरोप लगाया था.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

मुख्तार के बेटे ने लगाया ये आरोप

 मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया कि जेल में उनके पिता को धीमा जहर दिया गया था. हालांकि, अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है.  उमर ने संवाददाताओं से कहा, 'मेरे पिता ने हमें बताया था कि उन्हें 'धीमा जहर' दिया जा रहा है. अब पूरा देश इस बारे में जानता है.’’

 

 

अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम

साल 1995 में मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया से मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश किया. 1996 में पहली बार मुख्तार अंसारी बसपा के टिकट पर यूपी के मऊ से विधायक चुना गया. उसके बाद मऊ विधानसभा से साल 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विधायक चुना गया.  नवंबर 2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की बीच सड़क पर दर्दनाक हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड का आरोप मुख्तार पर लगा था और पिछले साल इस मामले में मुख्तार दोषी भी करार दिया गया. 2012 में मुख्तार अंसारी और भाई अफजाल अंसारी ने कौमी एकता दल के नाम से पार्टी का गठन किया. 2012 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी कौमी एकता दल से मऊ सीट से लड़ा और जीता.

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT