राकेश टिकैत के राजनीतिक बयानों से BKU में दो फाड़! राजेश चौहान की अुगवाई में बना नया संगठन

संतोष शर्मा

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किसान आंदोलन का हिस्सा रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) में दो फाड़ हो गए हैं. किसान नेता राकेश टिकैत वाले गुट से बीकेयू के कई नेता अलग हुए हैं. बताया जा रहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान राकेश टिकैत के द्वारा दिए गए राजनीतिक बयानों के वजह से संगठन में दो फाड़ हुआ है. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नाम से नया संगठन बनाया गया है.

राजेश सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह मलिक अनिल तालान, हरनाम सिंह वर्मा, बिंदु कुमार, कुंवर परमार सिंह, नितिन सिरोही समेत तमाम नेता नए संगठन में शामिल हुए हैं. राजेश चौहान को नए संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है.

आखिर क्या वजह थी राकेश टिकैत वाले गुट के संगठन से अलग होने की. इसपर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के संयोजक हरनाम सिंह ने यूपी तक से खास बातचीत की है.

हरनाम ने कहा, “परिवार से अलग होने का कष्ट तो है ही, जिसके साथ 32 साल काम करो कितनी जेल यात्राएं हुईं, कितने उतार-चढ़ाव हुए. 2018 के किसान क्रांति यात्रा में किसान को क्या मिला और 13 महीने का जो आंदोलन हुआ उसमें किसान को क्या मिला?”

उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि भारत सरकार जो किसान कानून लेकर आई उसमें गड़बड़ी थी. यह कह रहे थे संशोधन कर लो वह कह रहे थे बैठ कर बात कर लो, लेकिन बैठकर बात करने के बाद भी किसान का हित ना देखकर कहा गया कि बिल वापसी और घर वापसी. बिल वापस भी हो गए लोग घर वापस चले गए.”

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बातचीत के दौरान हरनाम ने कहा, “उत्तर प्रदेश में चुनाव आए तो संयुक्त मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने कहा भारतीय जनता पार्टी को सजा देने का भारतीय किसान यूनियन काम करेगा. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने 32 सालों में हमारा नाम उस पाठशाला में नहीं लिखाया, जहां बताया गया हो कि जब चुनाव आएंगे तो हम ईवीएम मशीन बचाने जाएंगे.”

उन्होंने कहा,

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“यह कह देना बहुत दुखद है कि उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं, कोई जीते, लेकिन सर्टिफिकेट भारतीय जनता पार्टी के कैंडिडेट को मिलेगा. क्या उत्तर प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफसर, सब के सब भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहे थे. यह दुखद विषय है. अधिकारी भी हमारे भाई हैं. उत्तर प्रदेश का हिस्सा है.”

हरनाम सिंह

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के संयोजक ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिले के कप्तान और डीएम बीजेपी के लिए काम कर रहे हो, लेकिन सभी बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं यह गलत है.

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उन्होंने कहा, “हमें अगर प्रधानी सांसद का चुनाव लड़ना है तो खुल कर बताएं. हम मदद किसकी कर रहे हैं और किसान का नाम ले रहे हैं? यह अराजनैतिक संगठन है. इसलिए इस संगठन का नाम ही भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) रखा है. यह कभी राजनीति में नहीं जाएगी.”

हरनाम सिंह ने आगे कहा कि ना हमारे मंच पर कोई राजनीतिक आदमी आएगा, ना हम किसी राजनीतिक मंच पर जाएंगे. हम किसान समस्याओं को लेकर आगे बढ़ेंगे.

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