मगर आरोप है कि तौफीक ने बरेली विकास प्राधिकरण से इसकी अनुमति नहीं ली थी.
विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अवैध तरीके से होटल का निर्माण किया गया था. इस संबंध में कार्रवाई करते हुए होटल को नेस्तनाबूद कर दिया गया है.
अफसरों का कहना है कि प्राधिकरण ने प्रधान को कई बार कानूनी नोटिस भेजकर अवैध निर्माण को खुद गिराने के लिए भी कहा था. मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया.
विभाग की ओर से हो रही इस कार्रवाई पर तौफीक प्रधान ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें मुसलमान होने की सजा मिली है.
बता दें कि इससे पहले भी सपा नेता शहजिल इस्लाम के पेट्रोल पंप पर भी इस तरह की विभागीय कार्रवाई हो चुकी है.