80 लाख फॉलोवर्स वाला सपा चीफ अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट क्यों हुआ ब्लॉक... बड़ी वजह सामने आई

Akhilesh Yadav Facebook Blocked: यूपी पूर्व सीएम अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट ब्लॉक होने से यूपी की सियासत में हलचल है. सपा ने इसे 'अघोषित इमरजेंसी' और भाजपा की साजिश बताया है. सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई 'हिंसक और अश्लील पोस्ट' को लेकर फेसबुक की आंतरिक नीतियों के तहत की गई है. सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है.

Akhilesh Yadav

यूपी तक

11 Oct 2025 (अपडेटेड: 11 Oct 2025, 09:57 AM)

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Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट शुक्रवार को अचानक ब्लॉक कर दिया गया. इस घटना के चलते प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है. सपा ने इस कार्रवाई को केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों की साजिश करार दिया है. मगर सरकारी सूत्र कुछ और ही दावा कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया है कि यह कदम फेसबुक की आंतरिक नीतियों के तहत उठाया गया है और सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है. 

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हिंसक और अश्लील पोस्ट बनी वजह?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 80 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले अखिलेश यादव के फेसबुक पेज को शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे के आसपास ब्लॉक कर दिया गया. बताया गया है कि फेसबुक ने प्लेटफॉर्म की अपनी नीतियों का हवाला देते हुए एक हिंसक और अश्लील पोस्ट के मामले में यह कार्रवाई की है. यह पेज अक्सर सरकार की नीतियों की आलोचना करने पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ने और सपा के कार्यक्रमों की जानकारी साझा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

सपा ने लगाया ये आरोप

इस घटना पर सपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने भाजपा पर हमला बोलते हुए इसे 'अघोषित इमरजेंसी' बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी का फेसबुक अकाउंट सस्पेंड करना लोकतंत्र पर हमला है. भाजपा सरकार ने अघोषित इमरजेंसी लगा दी है, जहां हर विरोधी आवाज को दबाया जा रहा है." उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी.

फिलहाल, इस कार्रवाई को लेकर फेसबुक की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. वहीं, सरकारी सूत्रों ने एक बार फिर दोहराया है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से प्लेटफॉर्म का आंतरिक निर्णय है और किसी भी सरकारी एजेंसी ने इसमें दखल नहीं दिया है. 

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