अखिलेश यादव को 2008 की ये कौन सी बात याद दिलाने लगीं मायावती! 9 अक्टूबर को लखनऊ में महारैली से पहले हल्लाबोल

UP News: 9 अक्टूबर के दिन बसपा चीफ मायावती लखनऊ में महारैली करने जा रही हैं. इससे पहले उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को 2008 की एक घटना याद दिलाई है और उन्हें निशाने पर लिया है.

Mayawati

यूपी तक

07 Oct 2025 (अपडेटेड: 07 Oct 2025, 12:30 PM)

follow google news

यह भी पढ़ें...

UP News: उत्तर प्रदेश में दलित वोटों की गोलबंदी करने के लिए इस समय समाजवादी पार्टी अपनी पूरी ताकत लगा रही है. सपा अपने पीडीए फॉर्मूले को लगातार धार दे रही है. इसी बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी आगामी 9 अक्टूबर के दिन यानी बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर संगोष्ठी की घोषणा की है. माना जा रहा है कि सपा इसके माध्यम से दलित समुदाय को अपना सीधा संदेश देना चाहती है. अब इसी को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान सामने आया है और उन्होंने अखिलेश यादव को साल 2008 की घटना याद दिलाते हुए, उनपर निशाना साधा है.

(मायावती की 9 अक्टूबर को लखनऊ में विशाल रैली होने जा रही है. इसमें लाखों लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है. बसपा की महारैली को लेकर ये वीडियो देखिए)

मायावती ने अखिलेश को कौन सी बात याद दिलाई?

यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने एक बार फिर सपा और कांग्रेस को निशाने पर लिया है. 9 अक्टूबर के दिन लखनऊ में होने वाली बसपा की महारैली से पहले मायावती ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करके हुए, अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोला है और कांग्रेस को भी निशाने पर लिया है.

मायावती ने साल 2008 की घटना का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, बसपा की सरकार ने साल 2008 में अलीगढ़ मंडल में आने वाले कासगंज को जिला मुख्यालय का दर्जा देकर, उसे कांशीराम नगर बनाया था. मगर सपा ने हमेशा मान्यवर कांशीराम के मूवमेंट को कमजोर करने की कोशिश की. सपा ने अपनी जातिवादी सोच और राजनीतिक द्वेष के कारण कांशीराम नगर का नाम बदल दिया.

मायावती ने आगे लिखा, कांशीराम के नाम पर बसपा की सरकार ने कई कॉलेजों, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों का निर्माण करवाया. इनका नाम मान्यवर कांशीराम के नाम पर ही रखा गया. मगर सपा ने इनमें से अधिकतर के नाम बदल दिए. ये सपा का दलित विरोधी चेहरा दिखाता है.

कांशीराम के निधन को लेकर भी सपा-कांग्रेस को घेरा

इसी के साथ बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा और कांग्रेस को घेरते हुए लिखा कि जब कांशीराम का निधन हुआ तो यूपी की सपा सरकार और केंद्र में मौजूद कांग्रेस की सरकार ने एक दिन का भी राष्ट्रीय या राजकीय शोक घोषित नहीं किया.

मायावती ने सपा और कांग्रेस को टारगेट करते हुए लिखा कि सपा और कांग्रेस राजनीति और वोटों की खातिर मान्यवर कांशीराम को याद करती हैं. ये उनका दिखावा और छलावा है. मायावती ने समाज को संदेश भी दिया कि लोगों को जातिवादी और संकीर्ण सोच वाली सपा-कांग्रेस से सजग और सावधान रहने की जरूरत है.

    follow whatsapp