वाराणसी: मस्जिद में नमाज के वक्त यहां 5 बार बजेगा हनुमान चालीसा, लाउडस्पीकर लगाए गए

रोशन जायसवाल

• 06:11 AM • 14 Apr 2022

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के जरिए हनुमान चालीसा के पाठ करने जैसा मामला अब धर्म की नगरी काशी में भी आ पहुंचा है. वाराणसी में श्री…

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महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर के जरिए हनुमान चालीसा के पाठ करने जैसा मामला अब धर्म की नगरी काशी में भी आ पहुंचा है. वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन की ओर से अजान के वक्त तेज आवाज में हनुमान चालीसा के पाठ को छतों से बजाना शुरू हो चुका है. वाराणसी के साकेत नगर इलाके में आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने अपने घर से इसकी शुरुआत कर दी है. उन्होंने बताया है कि अजान के हर वक्त इसी तरह से लाउडस्पीकर के जरिए हनुमान चालीसा को बजाया जाएगा. सुधीर सिंह के अनुसार, “हमारा मकसद हिंदू-मुस्लिम सौहार्द को बिगाड़ना नहीं है, लेकिन इस सौहार्द को बनाए रखने का ठेका सिर्फ हिंदुओं ने ही नहीं ले रखा है.”

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अपने घर से हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर लगाकर शुरू करने वाले श्री काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने बताया,

“काशी में तड़के सुबह से ही मंदिरों में वैदिक पाठ और हनुमान चालीसा का भी पाठ हुआ करता था. दबाव के चलते यह सारी चीजें बंद हो गईं, जिसके पीछे कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया था, जिसमें नॉइस पॉल्यूशन को कारण बताया गया था. हमने अपने मंदिरों से लाउडस्पीकर तो हटा दिया, लेकिन इनकी मस्जिदों पर उसी तरह लाउडस्पीकर लगे रहे. इसके चलते सुबह 4:30 बजे से ही अजान की आवाज आने लगती हैं. हम लोगों ने तय किया कि जब उनकी मस्जिदों से अजान की आवाज आ रही है, तो क्यों ना हम भी अपने मंदिरों से वैदिक मंत्रोचार और हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर पर करें.”

सुधीर सिंह

उन्होंने आगे कहा, “हम लोगों ने हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर अजान के शुरू होते ही बजाना शुरू कर दिया. अब उनकी आजान की आवाज धीमी हो रही है, जिसको लेकर पहले भी आपत्ति दर्ज कराई गई है कि अजान धीमी करिए, जिससे उसकी आवाज से हमें तकलीफ ना होने पाए.”

सुधीर सिंह ने कहा कि अभी चार से पांच बार वह हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर पर कर रहे हैं, लेकिन नियम से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ही हनुमान चालीसा का पाठ होता है, इसलिए आगे जाकर इन्हीं दो समय पर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा.

श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष के अनुसार, “मुसलमानों को यह एहसास कराना जरूरी है कि लाउडस्पीकर तेज बजने से कितनी दिक्कत होती है. इसलिए आगे जाकर जब वह अजान की आवाज धीमी करेंगे, तो हम भी हनुमान चालीसा की आवाज धीमी कर देंगे.” उन्होंने कहा कि अभी से सुधार देखा जा रहा है कि जैसे ही वह लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजा रहे हैं, तो अजान की आवाज धीमी हो जा रही है.

सुधीर सिंह ने कहा, “हम चाहते हैं कि हिंदू मुस्लिम एकता बनी रहे, लेकिन उन लोगों को भी इस बात को समझना पड़ेगा. अकेले हम लोगों ने हिंदू-मुस्लिम एकता का ठेका नहीं ले रखा है, इसलिए उनको भी पहल करनी पड़ेगी.”

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