Uttar Pradesh News: शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद देश से लेकर यूपी तक सियासी माहौल गरम है. इस पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी ट्वीट दर्ज कर राहुल के पक्ष में अपना समर्थन जताया और बीजेपी पर निशाना साधा. इसी दौरान अखिलेश यादव का एक इंटरव्यू सामने आया है. टीवी 9 भारतवर्ष न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने राहुल गांधी से जुड़ी हालिया राजनीति के अलावा 2024 की सियासी तस्वीर को लेकर भी बड़ी बेबाकी से बात की.
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न्यूज चैनल संग इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा कि राहुल गांधी आज जिस बात की सजा पा रहे हैं, वह कानून उन्हीं की सरकार लेकर आई थी. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, ‘इस तरह के अवमानना के केस में इतना बड़ा फैसला आना दुखद है. आप बीजेपी के स्टेटमेंट निकलवाइए. गृहमंत्री अमित शाह अपने कार्यकर्ताओं को मेरे और नेताजी के बारे में गलत ट्वीट को आगे बढ़ाने के लिए कह रहे थे.’
आजम खान और अब्दुल्ला आजम की सदस्यता जाने का किया जिक्र
अखिलेश से सवाल हुआ कि कांग्रेस ने राहुल के मसले पर विरोध का ऐलान किया है, क्या वह कांग्रेस का साथ देंगे? इस पर अखिलेश ने कहा कि हमारी पार्टी में आजम खान और अब्दुल्ला आजम की सदस्यता इसलिए गई क्योंकि रामपुर में कांग्रेस और बीजेपी के लोग ऐसा चाहते थे. हालांकि अखिलेश ने आगे कहा कि, ‘इस तरह की घटनाएं (राहुल की सदस्यता जाने जैसी) बीजेपी का सफाया कर देंगी. बीजेपी इन चीजों की मदद से बुनियादी सवालों से जनता का ध्यान हटा रही है.’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ जो हुआ है उससे सिंपैथी होगी और जनता देख रही है बीजेपी कैसे हर संस्था में दबाव बना रही है.
2024 में कैसी होगी गठबंधन की तस्वीर, अखिलेश ने किया साफ
अखिलेश यादव ने इस इंटरव्यू में 2024 की सियासत पर भी खुलकर बात की. अखिलेश यादव ने कहा, ‘2024 में आप देखेंगे बीजेपी का सफाया होगा. सभी रिजनल दल बड़ी भूमिका निभाएंगे. रिजनल पार्टी को साथ लाने की जिम्मेदारी नेशनल पार्टी की भी होनी चाहिए.’
विपक्ष एक हुआ तो पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा? अखिलेश होंगे, ममता या केसीआर? इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि वह पीएम पद की रेस में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि लीडरशिप चुनाव के बाद तय हो, और इसके लिए सब तैयार हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ कौन खड़ा है? उनकी जमानत नहीं बच रही. अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस को तय करना पड़ेगा. गठबंधन को लेकर नेशनल पार्टी को सोचना होगा. कांग्रेस सोचेगी. हमने तो अलायंस भी किया, हम तो साथ भी रहे.
गठबंधन का बेहतर साथी कौन, मायावती या राहुल गांधी?
टीवी 9 भारतवर्ष के इंटरव्यू में अखिलेश यादव से रैपिड फायर हुआ. इसमें एक सवाल रहा कि मायावती या राहुल गांधी से गठबंधन का बेहतर साथी कौन? इसके जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘मायावती जीरो थीं, मैंने 10 पहुंचाया. रायबरेली और अमेठी में सपा का पूरा सहयोग था (कांग्रेस को). दोनों (बसपा-कांग्रेस) मिलकर सपा की मदद करें.’
ये रहे दूसरे रैपिड सवाल
तीसरे मोर्चे का मास्टरमाइंड कौन?
अखिलेश का जवाब: कोई मास्टरमाइंड नहीं सब साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अगर ऐसा कोई मास्टरमाइंड है, जो एक नहीं होने देगा,उससे बच जाएं तो एक हो जाएंगे.
मोदी या योगी, बेहतर प्रशासक कौन?
अखिलेश का जवाब: दोनों खराब हैं.
2024 में विपक्ष का पीएम उम्मीदवार कौन? अखिलेश, राहुल, ममता या केसीआर?
अखिलेश का जवाब: आप देखिए चॉइस कितनी है. बीजेपी के पास तो चॉइस नहीं. पीएम पद का बहुत झगड़ा है यहां पर. अभी सभी को जीत कर आना है. मैं पीएम पद की रेस में नहीं हूं.
बीजेपी की बी टीम कौन, ओवैसी या केजरीवाल?
अखिलेश का जवाब: मैं कुछ नहीं बोलूंगा. मैं दोनों से कहूंगा कि जिस रास्ते से बीजेपी हटे, वो रास्ता अपनाएं
समाज के लिए आदर्श क्या है, मनुस्मृति या रामचरितमानस?
अखिलेश का जवाब: मैं सोशलिस्ट हूं. हर अच्छी चीज को मानता हूं. मैंने विधानसभा में गैलेलियो की कहानी बताई, कि सूरज का चक्कर धरती लगाती है. लेकिन चर्च इसका उल्टा मानता था. गैलेलियो को सजा में जान देनी पड़ी.अगर इसमें कोई गलती है, तो उसे स्वीकार करें.
देश का सबसे बड़ा भूमिपूत्र कौन? मुलायम, लालू, या चौधरी चरण सिंह?
अखिलेश का जवाब: तीनों नेताओं के बारे में पढ़ा हूं, जाना हूं, तीनों नेता हैं.
किसे मनाना ज्यादा मुश्किल है? शिवपाल या आजम?
अखिलेश का जवाब: आपने लेट पूछा, मैं दोनों को मना चुका हूं.
बहरहाल, अखिलेश यादव ने इस इंटरव्यू में राहुल गांधी की सदस्यता जाने को लेकर बीजेपी कोतो खूब घेरा, लेकिन कांग्रेस को भी सुनाया. अखिलेश यादव ने साफ इशारा किया कि 2024 के चुनाव में सपा ही बीजेपी के खिलाफ मेन प्लेयर होगी. उन्होंने कांग्रेस संग मायावती को भी कहा कि इस लड़ाई में दोनों को सपा का साथ देना चाहिए. अब यह देखना रोचक होगा कि यूपी के दूसरे सियासी दल इसपर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. साथ ही यह भी कि 2024 में क्या बीजेपी के खिलाफ यूपी में कोई गठबंधन बन पाएगा या सारे दल अलग लड़ेंगे, इसकी तस्वीर भी आने वाले वक्त में साफ होगी.
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