हापुड़ पहुंचे रालोद चीफ जयंत चौधरी ने ‘INDIA’ छोड़ NDA में जाने और किसान आंदोलन को लेकर ये बोला

राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी हापुड़ पहुंचे हैं. यहां उन्होंने अपने एनडीए में शामिल होने, विपक्षी गठबंधन छोड़ने और किसान आंदोलन कर लेकर बात की है.

जयंत चौधरी

देवेंद्र शर्मा

17 Feb 2024 (अपडेटेड: 17 Feb 2024, 04:22 PM)

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Jayant Chaudhary in Hapur: राष्ट्रीय लोकदल यानी रालोद (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी विपक्षी ‘INDIA’ गठबंधन से अलग हो गए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही जयंत चौधरी भाजपा नीत एडीए में जाने का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं. चर्चाएं हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जयंत ने विपक्षी गठबंधन से दूरी बना ली और एनडीए में जाने का फैसला ले लिया? जबकि कुछ दिन पहले सपा और रालोद के बीच गठबंधन का ऐलान खुद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने किया था. अब इसी को लेकर रालोद चीफ का बयान सामने आया है.

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इसी बीच रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी हापुड़ पहुंचे हैं. यहां वह सीधे अपने दादा और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के गांव नूरपुर पहुंचे. यहां आकर उन्होंने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.  

इंडिया गठबंधन से अलग होने पर क्या बोले जयंत चौधरी?

जयंत चौधरी से पूछा गया कि वह इंडिया गठबंधन से अलग क्यों हुए? इस सवाल का जवाब देते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि, जब गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जाएगी, तब वह इन सभी सवालों का जवाब खुलकर देंगे. उस दौरान वह खुद बताएंगे कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन क्यों छोड़ा.  

कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी रालोद?

इस दौरान जयंत चौधरी से ये भी पूछा गया कि रालोद एडीए के साथ मिलकर कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है? इस सवाल का उत्तर देते हुए जयंत ने कहा, जब चुनाव का समय आएगा, उस दौरान ये भी पता चल जाएगा. अभी चुनावों का ऐलान नहीं हुआ है. हमारी पार्टी रालोद कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, ये उसी समय बताया जाएगा.

किसान आंदोलन पर तोड़ी चुप्पी

बता दें कि पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया है. किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर बैठ गए हैं. इस किसान आंदोलन पर अभी तक जयंत चौधरी ने कोई बयान नहीं दिया था. मगर अब जयंत ने अपनी चुप्पी को तोड़ दिया है. 

किसानों के आंदोलन पर जयंत ने कहा, किसानों की सुनवाई होनी चाहिए. रालोद हमेशा किसानों के साथ रही है. किसानों के मुद्दे रालोद के मुद्दे हैं. किसानों की मांगों और मुद्दों पर किसानों की सुनवाई होनी चाहिए. रालोद चीफ ने आगे कहा, ’किसान जितना संघर्ष करता है, जितनी मेहनत किसान करता है,  शायद और कोई वर्ग इस देश में करता है. सरकार को किसानों का खास ध्यान रखना चाहिए.

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