RSS चीफ भागवत के बहाने स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर रामचरितमानस, ब्राह्मणों पर की टिप्पणी

यूपी तक

• 10:10 AM • 06 Feb 2023

Uttar Pradesh Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर घमासान मचा हुआ है. स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद इस मामले…

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Uttar Pradesh Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर घमासान मचा हुआ है. स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद इस मामले को लेकर सभी राजनीतिक दलों और बड़े नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. अखिलेश यादव ने तो बकायदा ‘शूद्र पॉलिटिक्स’ का आगाज कर दिया है. इस बीच सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर रामचरितमानस और ब्राह्मणों को लेकर टिप्पणी की है. इस बार उन्होंने अपनी बात कहने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के नाम का हवाला दिया है.

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क्या कहा स्वामी प्रसाद मौर्य ने?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट में लिखा, ‘जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आएं.’

यूपी समाचार: इसी ट्वीट के साथ जुड़े अगले ट्वीट में लिखा, ‘यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें. मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है.’

क्या कहा था मोहन भागवत ने?

आरएसएस चीफ मोहन भागवत का एक बयान रविवार से वायरल हो रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस बयान का करेक्शन पेश किया है. असल में मोहन भागवत ने मुंबई के एक कार्यक्रम में जाति व्यवस्था को लेकर एक टिप्पणी की. एएनआई के करेक्शन ट्वीट के मुताबिक भागवत ने कहा, ‘सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नही है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते है, वो झूठ है. जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है.’

एएनआई (ANI) ने बताया कि इससे पहले के ट्वीट में अनुवाद की त्रुटि हो गई थी. एएनआई के उसी पुराने ट्वीट में जाति के संबंध में मोहन भागवत के बयान में पंडितों का जिक्र किया गया था, जिसे बाद में त्रुटि बताते हुए हटाया गया.

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