पड़ोसी राज्य बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव का असर उत्तर प्रदेश में भी दिख रहा है. अभी रविवार को बिहार में बीजेपी के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने सीट शेयरिंग का फॉर्म्युला फाइनल करने का ऐलान किया ही था कि यूपी के उसके एक गठबंधन पार्टनर ने टेंशन बढ़ाने वाला काम कर दिया है. यूपी में एनडीए की पार्टनर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने भी बिहार की 153 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
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आपको बता दें कि बिहार में 6 और 11 नंवबर को विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होने वाली है. इसके लिए एनडीए के घटक दलों बीजेपी, जेडीयू. चिराग पासवान वाली एलजेपी, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोकमोर्चा के बीच सीट शेयरिंग का ऐलान हुआ. इस ऐलान के 24 घंटे भी नहीं बीते कि SBSP ने भी बलिया में ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी बिहार में 153 सीटों पर लड़ेगी.
SBSP ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपना बड़ा गेम प्लान पेश कर दिया है. ओम प्रकाश राजभर की SBSP ने सोमवार को साफ कहा कि वो बिहार की कुल 243 में से 153 सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारेगी. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने यह घोषणा करते हुए बताया कि उम्मीदवारों की लिस्ट मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सामने आ जाएगी.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक SBSP लंबे समय से बिहार में संगठन विस्तार कर रही थी और एनडीए में रहते हुए सीटों की मांग कर रही थी. पर उनकी डिमांड पूरी नहीं हुई. एनडीए ने SBSP को बिहार में कोई सीट नहीं दी. अरविंद राजभर ने बताया कि उनकी पार्टी ने मई में बीजेपी की टॉप लीडरशिप से अपनी रणनीति बताई थी, आगे चलकर बिहार में रैली भी की. SBSP ने साफ शर्त रखी थी कि अगर एनडीए गठबंधन पक्का होगा तो साथ लड़ेंगे, नहीं तो अकेले उतर जाएंगे. रविवार तक फैसले का इंतजार किया गया. अब SBSP ने बिहार में 153 सीटों पर खुद चुनाव में उतरने का फैसला किया है.
अरविंद राजभर ने बताया कि RJD ने SBSP को 5 सीटों का ऑफर दिया, जिसे SBSP ने ठुकरा दिया. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और तेज प्रताप यादव से भी बातचीत हुई है, पर SBSP का फोकस बिहार में अपनी सीटों पर वोट इकट्ठा करने का है. चुनाव जीतना या हराना उनकी प्राथमिकता नहीं है. पार्टी ने साफ किया कि यूपी में SBSP एनडीए के साथ बनी रहेगी, लेकिन बिहार की रणनीति पूरी तरह अलग है. बिहार चुनाव के बाद वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. इस बार मुकाबला एनडीए, विपक्षी गठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय होने की उम्मीद की जा रही है. अब देखना होगा कि SBSP का ये फैसला बिहार में किसे नुकसान और किसे फायदा पहुंचाता है.
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