इस वक्त उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर सियासी चर्चाएं गर्म हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान बीते 23 महीने जेल में रहने के बाद आखिरकार रिहा होकर रामपुर पहुंचे. उनकी रिहाई के दौरान समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी, लेकिन चर्चा इस बात की ज्यादा रही कि कोई भी सपा का शीर्ष नेतृत्व उनसे मिलने नहीं पहुंचा. पार्टी में आजम खान की स्थिति पर तरह-तरह की अटकलें चल पड़ीं. उनके बसपा में जाने से लेकर अखिलेश यादव से नाराजगी की तमाम चर्चाएं शुरू हुईं और आजम खान के सियासी भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं. इस बीच मपुर के सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी से यूपी Tak ने खास बात की है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
रामपुर से सपा सांसद से सवाल पूछा गया कि जब आप स्थानीय सांसद हैं और खुद पार्टी नेतृत्व ने आपको यहां जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन रिहाई के वक्त आप भी आजम खान से मिलने नहीं पहुंचे? इसपर मोहिबुल्ला नदवी ने स्पष्ट किया कि वे मुंबई में थे, लेकिन उन्होंने अपनी भावनाएं आजम खान तक फोन के जरिए पहुंचा दी थीं. उन्होंने कहा, हमने जज्बात का इजहार किया और पार्टी हमेशा आजम खान के साथ थी, है और आगे भी रहेगी.
सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने साफ तौर पर कहा कि आजम खान की रिहाई को एक तरह से इंसाफ की जीत के रूप में देखा जाना चाहिए. नदवी ने कहा कि, 'हमारी चिंताएं, हमारी फिकरमंदियां उनके साथ हैं. उनके बाहर आने से एक राहत की सांस ली है. पार्टी के हर सदस्य की हमदर्दी उनके साथ है.'
इस पूरे इंटरव्यू को आप यहां नीचे देख सकते हैं.
ऐसा बताया जा रहा है कि फिलहाल आजम खान इलाज के लिए दिल्ली पहुंचे हैं. उधर ये भी जानकारी आई है कि अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को आजम खान से मुलाकात करेंगे. इस दिन को लेकर भी कई कयासबाजियां हैं. असल में 9 अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती पार्टी संस्थापक कांशीराम के महापरिनिर्वाण दिवस पर बड़ी रैली करने वाली हैं. ऐसे में अखिलेश इससे ठीक एक दिन पहले आजम खान से मुलाकात कर क्या सियासी संदेश देंगे, इसपर सबकी नजर है. आजम खान भी रिहाई के बाद बसपा में जाने के सवालों को इशारों में टालते आए हैं और अखिलेश यादव के प्रति प्रेम भी जताते दिखे हैं. पर असल में उनका अगला सियासी कदम क्या होगा, इसे अभी प्रिडिक्ट करना मुश्किल नजर आ रहा है.
ADVERTISEMENT
