मायावती, आकाश आनंद और चंद्रशेखर...यूपी के स्टार दलित चेहरों का हरियाणा में ऐसा रहा फ्लॉप शो

Uttar Pradesh News : देश  और उत्तर प्रदेश में जब भी दलित समाज की राजनीति को लेकर बात आती है तो अभी दो युवा चेहरे आकाश आनंद और चंद्रशेखर रावण का ज़िक्र होता रहा है. इ

Mayawati akash-anand and Chandrashekhar

रजत कुमार

08 Oct 2024 (अपडेटेड: 08 Oct 2024, 07:56 PM)

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Uttar Pradesh News : देश  और उत्तर प्रदेश में जब भी दलित समाज की राजनीति को लेकर बात आती है तो अभी दो युवा चेहरे आकाश आनंद और चंद्रशेखर रावण का ज़िक्र होता रहा है. इन दोनों नेताओं की तुलना होती है. भविष्य में दलितों के हक़ के लिए लड़ने वाला नेता कौन ! सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में इन दोनों नेताओं की तुलना का विषय अक्सर चर्चा में रहता है.  बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के प्रमुख समर्थक आकाश आनंद को भविष्य के दलित नेता के रूप में देखते हैं तो वहीं, भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण भी लोकसभा चुनाव में जीत के बाद एक सशक्त दलित चेहरा बनकर उभरे हैं. दोनों युवा दलित नेता हरियाणा विधानसभा अपने-अपने गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में थे, जिसका नतीजा आज समाने आया है, 

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बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान चल रहा था और शाम होते-होते एक बड़ी खबर आती है. ये खबर लोकसभा चुनाव में अपने आप को साबित करने में जुटी बहुजन समाज पार्टी से जुड़ी हुई होती है.  बसपा सुप्रीमो मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने 'उत्तराधिकारी' और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के मुक्त करने का ऐलान करती हैं. मायावती अपने भतीजे को सोशल मीडिया पर अपरिपक्व तक बता देती हैं.  वहीं इस फैसले के 47 दिनों बाद साउथ फिल्मी हीरो की तरह आकाश आनंद की फिर पार्टी में वापसी होती है और  उत्तराधिकार भी और बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर का पद एक बार फिर उन्हें मिल जाता है. 

आकाश आनंद अब तक तो मायावती की परछाई बन तक चुनाव प्रचार में जाते थे. लेकिन लोकसभा चुनाव ने नतीजों के बाद उनका रोल बदल गया है. 

नहीं चला आकाश आनंद का जादू 

पार्टी में दमदार वापसी के बाद में आकाश आनंद को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीएसपी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया जाता है, जिसमें मायावती के बाद सबसे ज्यादा उनकी रैलियां  होती हैं. अपनी रैलियों में उत्तर प्रदेश की तरह हरियाणा में भी आकाश आनंद कांग्रेस नेता  राहुल गांधी और भाजपा के खिलाफ काफी आक्रामक नजर आते हैं. हरियाणा के चुनावी नतीजों में आकाश आनंद के आक्रामक तेवर का कोई फायदा नहीं मिलता दिख रहा है और पार्टी शून्य की तरफ अग्रसर है. 

बता दें कि बीएसपी और आईएनएलडी के बीच हुए गठबंधन के तहत मायावती को हरियाणा चुनाव में लड़ने के लिए 37 सीटें मिलीं थी. वहीं, आईएनएलडी ने 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे., बीएसपी जिस एक विधानसभा सीट- अटेली पर आगे चल रही थी अब वहां भी पिछड़ गई. यहां बीएसपी उम्मीदवार अत्तर लाल, बीजेपी की आरती सिंह राव से चुनाव हार गए हैं. हरियाणा में अबतक बसपा को मात्र 1.78 प्रतिशत वोट मिले हैं. 

चंद्रशेखर के उम्मीदों का झटका

वहीं  अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश से आने वाले दूसरे युवा दलित चेहरे की. हरियाणा चुनाव में चंद्रशेखर को उम्मीद थी कि वो लोकसभा चुनाव जैसा कोई करिश्मा कर पाएंगे पर ऐसा कुछ हुआ नहीं. हरियाणा में चंद्रशेखर आजाद ने चुनावी गठबंधन कर रखा था. जेजेपी के साथ  जेजेपी के साथ आजाद समाज पार्टी भी 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी. वहीं आज आए नतीजों में   चंद्रशेखर आजाद रावण और दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने खाता भी नहीं खोल पाए.

बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के अलावा जननायक जनता पार्टी को तीसरी बड़ी शक्ति के रूप में देखा जा रहा था. दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर किंगमेकर बनकर उभरी थी. इस बार भी उम्मीद की जा रही थी कि चंद्रशेखर के साथ आने के बाद जेजपी कुछ कमाल कर पाएगी पर नतीजों में ऐसा कुछ भी होते नहीं दिखा. आजाद समाज पार्टी के साथ जेजपी भी हरियाणा में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही. 

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