बिहार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी सोमवार को उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के नरकटहा गांव पहुंचे, जहां उन्होंने धर्मात्मा निषाद के परिवार से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की. सहनी ने कहा कि उनकी पार्टी इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और निष्पक्ष जांच की मांग करती है ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
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"सिर्फ बोलने से नहीं, कार्रवाई करनी होगी" – मुकेश सहनी
धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या के मामले को लेकर मुकेश सहनी ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "यह केवल राजनीति का विषय नहीं है, बल्कि एक युवा की मौत का मामला है. चार नाम सामने आए, लेकिन केवल एक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया. यह न्याय की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है." सहनी ने संजय निषाद की भूमिका पर भी सवाल उठाए, जो उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं. उन्होंने कहा, "संजय निषाद सरकार के हिस्से में हैं. अगर वह वास्तव में सीबीआई जांच चाहते हैं, तो उन्हें धरना देना चाहिए. अगर वह धरने पर बैठते हैं, तो हम भी उनके समर्थन में आ जाएंगे."
"पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए"
मुकेश सहनी ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है क्योंकि इसमें सत्ता से जुड़े लोगों के नाम आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से हर पहलू की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराने की मांग की, ताकि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिल सके. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता को पत्र लिखने वाले हैं.
क्या है पूरा मामला?
धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या का मामला उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है.परिवार ने आरोप लगाया है कि इस मामले में कुछ प्रभावशाली लोग शामिल हैं. 7 फरवरी को 29 वर्षीय धर्मात्मा निषाद का शव उनके घर में फंदे से लटका मिला था. आत्महत्या से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने निषाद पार्टी के प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद, उनके बेटे प्रवीण कुमार निषाद और अन्य नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे.
धर्मात्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा था – "मैं अपनी जिंदगी की जंग हार गया. मैंने समाज के शोषितों और वंचितों के लिए संघर्ष किया, लेकिन बदले में मुझे फर्जी मुकदमों में फंसाया गया और कई बार जेल भी जाना पड़ा." उन्होंने आगे कहा था कि अगर वह चाहते तो जिन लोगों ने उनके साथ धोखा किया, उन्हें मार सकते थे, लेकिन वह हत्यारे नहीं बनना चाहते थे.
धर्मात्मा की आत्महत्या के बाद निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने कहा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है और उन्होंने हमेशा धर्मात्मा की मदद की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को "दुर्भाग्यपूर्ण और गलत" बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की. इस बीच, पुलिस ने जय प्रकाश निषाद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, और मामले की जांच जारी है.
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