UP Panchayat Chunav Update: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर माहौल अभी से गर्म हो गया है. यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल से मई महीने में हो सकते हैं. इस बीच चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क और जमानत राशि को लेकर अपडेट सामने आया है. बताया गया है कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ी राहत देते हुए सामान्य वर्ग की तुलना में सभी शुल्कों में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है.
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आरक्षित वर्ग के लिए कितनी है तय की गई राशि?
- आरक्षित वर्ग (OBC, SC, ST) के उम्मीदवारों के लिए नामांकन शुल्क और जमानत राशि सामान्य वर्ग से आधी होगी.
- ग्राम पंचायत सदस्य- नामांकन शुल्क 100 रुपये और जमानत राशि 400 रुपये होगी.
- ग्राम प्रधान- नामांकन शुल्क 300 रुपये और जमानत राशि 1500 रुपये तय की गई है.
- क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC)- नामांकन शुल्क 300 रुपये और जमानत राशि 1500 रुपये देनी होगी.
- जिला पंचायत सदस्य- नामांकन शुल्क 500 रुपये और जमानत राशि 4000 रुपये निर्धारित की गई है.
- ब्लॉक प्रमुख- नामांकन शुल्क 1000 रुपये और जमानत राशि 5000 रुपये होगी.
- जिला पंचायत अध्यक्ष- नामांकन शुल्क 1500 रुपये और जमानत राशि 12500 रुपये तय की गई है.
सामान्य वर्ग के लिए क्या है शुल्क?
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ग्राम पंचायत सदस्य का नामांकन शुल्क 200 रुपये और जमानत राशि 800 रुपये है. ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नामांकन शुल्क 600 रुपये व जमानत राशि 3000 रुपये होगी. जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन शुल्क एक हजार रुपये व जमानत राशि आठ हजार रुपये रखी गई है. ब्लॉक प्रमुख पद के लिए नामांकन शुल्क दो हजार रुपये व जमानत राशि 10 हजार रुपये और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन शुल्क तीन हजार व जमानत राशि 25 हजार रुपये तय की गई है.
क्या होता है नामांकन शुल्क और जमानत राशि?
नामांकन शुल्क और जमानत राशि चुनाव प्रक्रिया के दो महत्वपूर्ण हिस्से हैं.
नामांकन शुल्क- यह वह फीस है जो किसी भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपना नाम दर्ज करवाते समय चुनाव आयोग को चुकानी पड़ती है. यह एक गैर-वापसी फीस होती है. यह शुल्क उम्मीदवारी की प्रक्रिया को औपचारिक बनाने के लिए लिया जाता है.
जमानत राशि (Security Deposit)- यह एक ऐसी राशि है जिसे उम्मीदवार नामांकन के समय जमा करता है. इसका मुख्य उद्देश्य केवल गंभीर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है. अगर उम्मीदवार चुनाव में डाले गए कुल वैध वोटों का एक निश्चित हिस्सा (आमतौर पर 1/6 भाग) हासिल करने में विफल रहता है, तो यह राशि जब्त कर ली जाती है. अगर उम्मीदवार पर्याप्त वोट हासिल कर लेता है या अपना नामांकन वापस ले लेता है, तो यह राशि उसे वापस कर दी जाती है.
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