वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Case) से संबंधित मुकदमा नंबर-712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान द्वारा श्रीमती किरन सिंह “विसेन” व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य की पोषणीयता पर सोमवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय अपना महत्वपूर्ण निर्णय सुनाएगी.
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मुस्लिम पक्ष के वकील के मुताबिक केस खारिज ना होने की स्थिति में वह जिला जज और फिर हाई कोर्ट में भी अपील कर सकते हैं.
मुस्लिम पक्ष के वकील तौहिद खान ने बताया कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला नियमित सिर्फ पूजा को लेकर था जबकि इस केस में ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर है. इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि यह मुकदमा अदालत खारिज कर देगा.
हिंदू पक्ष की तरफ से इन चार मुख्य बिंदुओं पर यह मुकदमा वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में चल रहा है-
1. तत्काल प्रभाव से भगवान आदि विश्वेश्वर शंभू विराजमान की नियमित पूजा प्रारंभ हो.
2. संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए.
3. संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को दिया जाए.
4. मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटाया जाए.
कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश बरकरार
ज्ञानवापी मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कथित शिवलिगं का संरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है. यानि शिवलिंग को सुरक्षित रखा जाएगा. इससे पहले अदालत ने 12 नवंबर तक संरक्षण का आदेश दिया था, जिसकी तारीख शनिवार को खत्म हो रही थी. ऐसे में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए इसे बढ़ाने का आदेश दे दिया है.
Varanasi Tak: हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ज्ञानवापी केस की अगली सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी
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