उत्तर प्रदेश के इटावा शहर के सिविल लाइन्स क्षेत्र में बने नवनिर्मित इस्कॉन मंदिर के एक स्टोर रूम में एक 6 फीट लंबा और लगभग 10 किलो वजनी अजगर (पायथन मोलूरस) छिपा मिला. अजगर को देखकर मंदिर के सेवादार और वहां उपस्थित भक्तगण डर गए. मंदिर प्रशासन को इसकी जानकारी मिलते ही तुरंत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई और सभी भक्तों को सुरक्षित किया गया.
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भक्तगण और मंदिर संचालक की प्रतिक्रिया
मंदिर में मौजूद कृष्ण भक्त वराह दास ने बताया कि कमरे में छिपे अजगर को देखकर सभी भक्तगण बहुत डर गए थे. उन्होंने वन विभाग से रेस्क्यू के लिए मदद मांगी. मंदिर संचालक बरह दास ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि अजगर के आने से मंदिर में भक्तगण भयभीत हो गए थे.
वन विभाग की टीम ने किया सुरक्षित रेस्क्यू
सामाजिक वानिकी विभाग की टीम के लीडर डॉ. आशीष त्रिपाठी ने मौके पर पहुंचकर अजगर का सुरक्षित रेस्क्यू किया. उन्होंने मंदिर में मौजूद लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि यह अजगर विषहीन पायथन मोलूरस है.
डॉ. त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि अजगर के काटने के बाद अगर घाव की सही सफाई न की जाए तो केवल घाव में संक्रमण या गैंग्रीन हो सकता है लेकिन इसकी मृत्यु नहीं होती. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मामलों में अत्यधिक डर या घबराहट के कारण हार्ट अटैक से जान जा सकती है.
अजगर को प्राकृतिक वास में छोड़ा गया
रेस्क्यू के बाद वन विभाग की टीम ने अजगर को सुरक्षित पकड़कर प्राकृतिक वास में छोड़ दिया. इसके बाद मंदिर में भक्तगण भयमुक्त हुए और स्थल पर सामान्य स्थिति बहाल हो गई.
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