लखीमपुर खीरी जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक मिलन नाम का पति अपनी पत्नी पीतांबरी के शव को लेकर डीएम दुर्गा शक्तिनागपाल के ऑफिस पहुंच गया. इस दौरान मिलन ने चार अलग-अलग अस्पतालों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिले की डीएम को प्रार्थना पत्र दिया.शिकायत सुनते ही दुर्गा शक्ति नागपाल ने तत्काल सीएमओ को मौके पर बुलाकर जांच के आदेश दे दिए.
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पति मिलने ले लगाए ये आरोप
बताया जा रहा है कि मिलन ने अपनी पत्नी पीतांबरी का पेट में दर्द होने के बाद ऑपरेशन कराया था. इस दौरान उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ ले जाया गया. लेकिन पैसों की कमी और गलत इलाज के चलते उनकी जान चली गई. ऐसे में मिलन अब अपनी पत्नी के शव को लेकर डीएम ऑफिस पहंचे हैं.
क्या थी मौत की वजह?
वहीं जब इसे लेकर लखीमपुर खीरी के सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मिलन की पत्नी को डेढ़ महीने का गर्भ था जो कि कॉम्प्लिकेटेड प्रेगनेंसी थी. जब वह महिला को लेकर कई अस्पतालों में गए तो उन्हें बताया गया कि ट्यूब में गर्भावस्था है.उन्होंने लखीमपुर खीरी के दो और लखनऊ के केजीएमसी जैसे दो अस्पतालों में इलाज कराया. लेकिन उनकी पत्नी की मौत हो गई. महिला को जब जिला महिला चिकित्सालय लाया गया. तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. महिला का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया है.
डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसकी अध्यक्षता एडिशनल सीएमओ डॉ. रवी मोहन गुप्ता कर रहे हैं. यह कमेटी सभी अस्पतालों की भूमिका और परिस्थितियों की जांच करेगी.प्रकरण में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
सीएमओ ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो रहा है जिसका असर मासिक रैंकिंग में भी दिख रहा है. पिछले 8 महीनों में से 5 महीने में जिला टॉप 10 में रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने 16 टीमों का गठन किया है जो सरकारी और निजी अस्पतालों में जाकर जांच कर रही हैं कि न्यूनतम मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं. इस अभियान का उद्देश्य अवांछित मौतों को रोकना है.
सीएमओ की लोगों से अपील
डॉ. गुप्ता ने जनता से अपील की है कि वे सबसे पहले सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं. अगर निजी अस्पताल में इलाज कराते हैं तो सभी कागज और रसीदें संभालकर रखें. अगर कोई परेशानी होती है तो मरीज को तुरंत सरकारी अस्पताल में भर्ती कराएं और फिर शिकायत दर्ज कराएं. उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
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