'तुरंत हटाइए, नहीं तो...', सहारनपुर तहसील ऑफिस में हुक्का पी रहे किसानों पर भड़कीं SDM संगीता राघव

Saharanpur News : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की तहसील नकुड़ में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.

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राहुल कुमार

10 Oct 2024 (अपडेटेड: 10 Oct 2024, 07:14 PM)

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Saharanpur News : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की तहसील नकुड़ में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. गंगोह ब्लॉक के गांव नागल राजपूत के किसान तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. वहीं धरने के दौरान तहसील परिसर में किसान हुक्का पीते हुए नजर आए, जिसे देख एसडीएम संगीता राघव भड़क गईं. उन्होंने धरने पर बैठे किसानों को तुरंत वहां से हुक्का हटाने के लिए कहा. एसडीएम ने चेतावनी दी कि अगर हुक्का नहीं हटाया गया, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा.  इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे यह मामला और तूल पकड़ लिया है. 

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हुक्का पीते देख भड़कीं SDM 

एसडीएम संगीता राघव का कहना है कि, सरकारी कार्यालय के परिसर में हुक्का पीना कानून के खिलाफ है और कई चेतावनियों के बावजूद किसान चार घंटे तक हुक्का पीते रहे. उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे किसानों ने कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी थी और तहसील परिसर में इस प्रकार का व्यवहार अनुचित है. इसके बावजूद किसान वहीं बैठकर नारेबाजी करते रहे और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने से मना कर दिया. 

किसान यूनियन ने की आलोचना

वहीं किसान यूनियन वेलफेयर की राष्ट्रीय अध्यक्ष, रितु सैनी ने एसडीएम संगीता राघव के व्यवहार की कड़ी आलोचना की और कहा कि एसडीएम का इस तरह से व्यावहार करना ठीक नहीं था. उनका कहना है कि किसान अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्वक धरने पर बैठे थे, लेकिन एसडीएम का व्यवहार अपमानजनक था. 

नोटिस किया गया जारी

एसडीएम संगीता राघव ने यह भी बताया कि, 'यह घटना 7 तारीख की है, जब वह जनसुनवाई कर रही थीं. तभी उन्हें सूचना मिली कि कुछ लोग उनके ऑफिस के बाहर हुक्का पी रहे हैं. इसके बाद वह मौके पर पहुंचीं और देखा कि कुछ लोग वहां हुक्का पीते हुए बैठे थे. उन्होंने उन लोगों को हुक्का हटाने का आदेश दिया, लेकिन इसके बावजूद धरने पर बैठे किसान नहीं माने. इस मामले में प्रशासन द्वारा किसान यूनियन के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है. जिसमें पूछा गया है कि बिना अनुमति के धरना क्यों किया गया और तहसील परिसर में इस प्रकार का अनुशासनहीन व्यवहार क्यों किया गया.

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