UP News: गाजीपुर के गहमर गांव में 24 और 25 दिसंबर की दरमियानी रात हुए भयानक ट्रिपल मर्डर कांड के मुख्य आरोपी ओम सिंह को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी तब हुई जब आरोपी फरार होने की फिराक में मठिया घाट के पास छिपा था. पुलिस मुठभेड़ में आरोपी के पैर में गोली लगी है. इस हत्याकांड ने पूरे जिले को इसलिए झकझोर कर रख दिया था क्योंकि पुलिस की लापरवाही के चलते तीन दोस्तों की बेरहमी से हत्या कर उनके शवों को तालाब में फेंक दिया गया था. गाजीपुर के एसपी डॉ. इरज राजा ने इस मामले में पुलिस की भारी चूक मानते हुए तत्कालीन SHO और दो दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया है. पुलिस अब बाकी फरार आरोपियों की तलाश कर रही है.
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गहमर ट्रिपल मर्डर की ये है पूरी दास्तान
गहमर ट्रिपल मर्डर कांड में पुलिस को 27 दिसंबर को एक बड़ी सफलता हाथ लगी. हत्याकांड में फरार चल रहे आरोपी ओम सिंह को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया. पुलिस टीम मठिया घाट के पास मुखबिर की सूचना पर तलाशी ले रही थी. आरोप है कि पुलिस को देखते ही 19 साल के आरोपी ओम सिंह ने जान से मारने की नीयत से टीम पर फायर झोंक दिया. अपने ऊपर फायर आता देख पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. इसमें गोली आरोपी के बाएं पैर में जा लगी. पुलिस ने उसके पास से एक अवैध देसी तमंचा और खोखा कारतूस बरामद किया है. पुलिस ने घायल आरोपी को अस्पताल में भर्ती कराया है.
24/25 दिसंबर की वह काली रात जब ले ली गई थी 3 दोस्तों की जान
इस एनकाउंटर की जड़ें 24 और 25 दिसंबर की उस खौफनाक रात से जुड़ी हैं जिसने पूरे गाजीपुर को दहला दिया था. गहमर गांव के रहने वाले तीन दोस्त विक्की सिंह, सौरभ सिंह और अंकित सिंह दबंगों की रंजिश का शिकार हो गए. पुराने विवाद के चलते दूसरे गुट के दबंगों ने इन तीनों दोस्तों को घेर लिया और कुल्हाड़ी समेत दूसरे धारदार हथियारों से उन पर हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि हमलावरों ने दौड़ा-दौड़कर तीनों लड़कों की जान ली थी. हमलावरों ने इतनी बेरहमी दिखाई कि तीनों की हत्या करने के बाद उनके शवों को गांव के ही एक गहरे तालाब में फेंक दिया था.
अंकित सिंह की तलाश अभी भी है जारी
हत्याकांड की सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया. गाजीपुर पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम के साथ तालाब में सर्च ऑपरेशन शुरू किया. कड़ी मशक्कत के बाद विक्की सिंह और सौरभ सिंह के शव तो बरामद कर लिए गए लेकिन तीसरे दोस्त अंकित सिंह की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस के काम करने के तरीके पर तब बड़े सवाल उठे जब यह पता चला कि दोनों गुटों के बीच रंजिश की जानकारी पुलिस को पहले से ही थी. पीड़ित पक्ष ने कई बार शिकायतें की थीं लेकिन पुलिस ने अपेक्षित गंभीरता नहीं दिखाई.
इन पुलिसकर्मियों पर लिया गया एक्शन
एसपी गाजीपुर डॉ. इरज राजा ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही को खुलकर स्वीकारा. उन्होंने बताया कि पहले दर्ज हुए मुकदमों पर अगर समय रहते सख्त कार्रवाई की गई होती तो शायद इन तीन युवकों की जान बच सकती थी. लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन SHO और दो दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया है. वर्तमान प्रभारी निरीक्षक को भी लाइन हाजिर किया गया है. डीआईजी वाराणसी रेंज वैभव कृष्ण ने भी मौके का मुआयना कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है.
जरूरत पड़ने पर होगी NSA के तहत कार्रवाई: एसपी
इस हत्याकांड के संबंध में 12 नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी ओम सिंह के खिलाफ पहले से ही हत्या समेत आधा दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. एसपी ने स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ने पर मुख्य आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अब बाकी फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है.
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