Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है. यहां एक गरीब व्यक्ति को अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दिलाने के लिए अपने दो साल के बेटे को बेचने पर मजबूर होना पड़ा. यह घटना गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति को उजागर करती है.
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3 साल के बेटे को 10000 में बेचा
कुशीनगर के बरवा पट्टी का निवासी हरीश पटेल नामक व्यक्ति अपनी पत्नी के प्रसव के लिए एक निजी अस्पताल गया था. यह दंपति का छठा बच्चा था. प्रसव के बाद अस्पताल ने भारी बिल का भुगतान करने को कहा, जिसे चुकाने में हरीश असमर्थ था. जब उसने बिल चुकाने के लिए धनराशि का इंतजाम नहीं किया, तो अस्पताल के कर्मचारियों ने उसकी पत्नी और नवजात को जाने से रोक दिया. इसी हताशा में हरीश ने अपने तीन साल के बेटे को कुछ हजार रुपये में एक दंपति को बेचने के लिए मजबूर हो गया.
इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर इस अपराध में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए लोगों में बिचौलिया अमरेश यादव, बच्चे को खरीदने वाला दंपति भोला यादव और उसकी पत्नी कलावती यादव, एक फर्जी डॉक्टर तारा कुशवाह और अस्पताल की सहायिका सुगांती शामिल हैं.
एसपी ने कही ये बात
इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और इसमें शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही एक कॉन्स्टेबल को भी ड्यूटी से हटा दिया गया है, जिस पर रिश्वत लेने का आरोप था. यह घटना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत को उजागर करती है बल्कि गरीब और बेसहारा लोगों के लिए सुरक्षा और सहायता की कमी को भी सामने लाती है. सरकारी संस्थानों की निगरानी और अस्पतालों में उचित व्यवस्था की मांग को लेकर समाज में आक्रोश व्याप्त है.
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