15 दिसंबर को संभल पुलिस को एक खौफनाक सूचना मिली. पुलिस को बताया गया कि शहर के बाहरी इलाके में दो लावारिस बैग पड़े हुए हैं. जब पुलिस ने उन बैगों की चेन खोली तो अंदर का मंजर डरावना था. बैग के भीतर किसी इंसान के कटे हुए टुकड़े थे. लेकिन न तो उस लाश का सिर था और न ही पैर. पहचान मिटाने की पूरी कोशिश की गई थी. लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी. क्योंकि कत्ल हुए लगभग एक महीना बीत चुका था. लेकिन कातिल की तमाम चालाकी के बावजूद एक चूक रह गई. लाश के हाथ पर एक नाम गुदा हुआ था. यहीं से केस पलटा. पुलिस को बड़ा सुराग मिला और आज कातिल का चेहरा सबके सामने है.
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अब कहानी में थोड़ा रिवर्स गियर लेते हैं. चंदौसी की रहने रूबी पुलिस के पास बदहवास हालत में पहुंची. उसने बताया कि उसका पति गायब है. पुलिस को पति की औपचारिक जानकारी देने के बाद रूबी थाने से लौट आई. अब वापस कहानी में लौटते हैं. लाश मिलने के बाद पुलिस ने उसकी पहचान करने की भरसक कोशिश की. कुछ पता नहीं चला. धीरे धीरे जांच आगे बढ़ी. पुलिस की नजर लाश के कटे हुए हाथ पर गई. हाथ पर एक नाम लिखा हुआ था- राहुल. पुलिस ने गुमशुदगी वाला अपना रजिस्टर खंगाला.
'नहीं यह मेरे पति राहुल की लाश नहीं है'
पता चला कि नवंबर के महीने में रूबी नाम की महिला ने अपने पति राहुल की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने पुलिस को बताया था कि उसका पति अचानक कहीं गायब हो गया है. पुलिस ने रूबी को शिनाख्त के लिए बुलाया. रूबी थाने पहुंची. सड़ी-गली लाश को देखते ही उसने कहा- "नहीं यह मेरे पति राहुल की लाश नहीं है."
रूबी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रही थी. वह यह भूल गई थी कि टैटू वाली फोटो पुलिस के पास पहले से थी. पुलिस ने उसकी लोकेशन चेक की. उसका मोबाइल खंगाला. मोबाइल में पुलिस को वो सबूत मिला जिसने रूबी के झूठ का बनाकब कर दिया. मोबाइल में राहुल के साथ उसकी एक फोटो मिली. जिसमें राहुल के हाथ पर वही नाम साफ दिख रहा था जो लाश के हाथ पर था.
रूबी टूटी तो फिर उसने बताई डरावनी कहानी
जब पुलिस ने सबूत सामने रखे और सख्ती से पूछताछ की तो रूबी टूट गई. उसने वह सच बयां करना शुरू किया जिसे सुनकर कमरे में मौजूद हर शख्स दंग रह गया. रूबी ने कबूल किया कि उसने अपने आशिक गौरव के साथ मिलकर इस खौफनाक हत्याकांड को अंजाम दिया था.
18 नवंबर की काली रात को हुई थी वारदात
18-19 नवंबर के दिन से इस कहानी की शुरुआत होती है. राहुल को अपनी पत्नी पर पहले से शक था कि उसका किसी के साथ अवैध संबंध है. उस दिन रात में राहुल अचानक घर पहुंच गया. उसने रूबी को गौरव के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया. घर में जमकर क्लेश हुआ. राहुल ने चीखते हुए कहा- "अब मैं तुझे मजा चखाऊंगा, पूरे मोहल्ले में तेरा जुलूस निकालूंगा और तुझे बदनाम कर दूंगा."
राहुल इस धमकी से रूबी और गौरव घबरा गए. दोनों के दिमाग में बस एक ही चीज थी और वो थी राहुल की हत्या. मौका पाते ही दोनों ने राहुल पर लोहे की रॉड से हमला किया. उसे तब तक मारा गया जब तक कि उसकी सांसें रुक गईं. पूरा फर्श खून से लाल हो गया. अब चुनौती थी लाश को ठिकाने लगाने की. पकड़े जाने के डर से दोनों ने पूरी रात लाश के साथ बैठकर बिताई और साजिश रची.
गंगा में भी बहाए गए थे लाश के टुकड़े
अगली सुबह यानी 19 तारीख को रूबी बाजार गई और वहां से दो पॉलिथीन बैग और एक बिजली से चलने वाला ग्राइंडर खरीद कर लाई. इसके बाद जो हुआ वह किसी डरावनी फिल्म से कम नहीं था. रूबी और गौरव ने उस ग्राइंडर से राहुल के शरीर को काटना शुरू किया. उन्होंने सबसे पहले राहुल का सिर काटा और फिर दोनों पैर ताकि कोई भी उसकी पहचान न कर सके. अंगों को अलग-अलग बैग में पैक किया गया और चंदौसी के अलग-अलग इलाकों में फेंक दिया गया. शरीर के कुछ टुकड़ों को दोनों ने चंदौसी से करीब 50 किलोमीटर दूर राजघाट गंगा में बहा दिया था.
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इस मामले को सुलझाने के लिए विशेष टीम बनाई थी. रूबी बार-बार बयान बदल रही थी, लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्यों और मोबाइल रिकॉर्ड्स ने उसे घेर लिया. आज वह कातिल पत्नी रूबी और उसका आशिक गौरव जेल की हवा खा रहे हैं.
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