कत्ल की यह कहानी किसी फिल्मी थ्रिलर से कम नहीं है. जूता व्यापारी राहुल को क्या पता था कि जिस पत्नी के साथ वह घर बसा रहा है वही एक दिन कटर मशीन से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देगी. संभल जिले के चंदौसी का चुंगी मोहल्ला. यहां राहुल अपनी पत्नी रूबी और दो बच्चों के साथ रहता था. लेकिन रूबी के दिल में मोहल्ले का ही गौरव बस चुका था. 17 और 18 नवंबर की वह काली रात थी. घड़ी में बज रहे थे 11. रूबी ने अपने प्रेमी गौरव को घर बुला लिया. रात के 2 बजे जब राहुल अचानक घर पहुंचा तो उसकी आंखों के सामने वो मंजर था जिसने उसके पैरों तले जमीन खिसका दी. रूबी और गौरव आपत्तिजनक हालत में थे.
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झगड़ा शुरू हुआ. लेकिन गौरव के प्यार में अंधी रूबी ने पास पड़ी लोहे की रॉड उठाई और राहुल के सिर पर जोरदार वार कर दिया. राहुल की मौके पर ही मौत हो गई. अब चुनौती थी लाश को ठिकाने लगाने की. गौरव कटर मशीन लेकर आया और फिर शुरू हुई रोंगटे खड़े कर देने वाली दरिंदगी. दोनों ने मिलकर राहुल का पहले सिर काटा, फिर हाथ और पैर. रूबी बाजार से दो बड़े काले बैग खरीद लाई. एक बैग में सिर और हाथ-पैर भरकर 50 किलोमीटर दूर राजघाट गंगा में बहा दिए गए जबकि दूसरे बैग में धड़ भरकर पतरुआ ईदगाह के पास खेत में फेंक दिया गया.
खुद को बेगुनाह बताने के लिए रूबी ने 24 तारीख को थाने जाकर पति की गुमशुदगी दर्ज करा दी. 15 दिसंबर को जब पुलिस को बिना सिर-पैर वाली सड़ी-गली लाश मिली तो पहचान करना नामुमकिन था. लेकिन कातिल चाहे कितना भी शातिर हो, सुराग छोड़ ही जाता है. राहुल के हाथ पर उसका नाम गुदा था. पुलिस ने रूबी को बुलाया, उसने कपड़ों को देखकर पहचानने से साफ इनकार कर दिया.
मगर रूबी के मोबाइल ने सारा राज उगल दिया. मोबाइल में मिली एक तस्वीर में राहुल उन्हीं कपड़ों में रूबी के साथ खड़ा था, जिन्हें पहचानने से वह इनकार कर रही थी. बस, यहीं से शक की सुई घूमी और कड़ी पूछताछ में रूबी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए रूबी और उसके प्रेमी गौरव को सलाखों के पीछे भेज दिया है.
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