उत्तर प्रदेश के संभल जिले के असमोली इलाके में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले फर्जी वोटर दस्तावेज की जांच करने पहुंचे अफसरों के सामने ही जमकर तांडव हुआ. बिलालपत गांव के पंचायत सचिवालय में जब डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदार फर्जी दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे थे तभी मौजूदा प्रधान पति और प्रधान पद प्रत्याशी के समर्थक आपस में भिड़ गए. इस दौरान जब दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी और कुर्सियां चलने लगीं तो अधिकारियों को कमरे में छिपकर अपनी जान बचानी पड़ी. पुलिस ने मामले में प्रधान पति सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
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इस पूरे विवाद की जड़ पिछले दिनों डीएम राजेंद्र पेंसिया के औचक निरीक्षण से जुड़ी है. जांच में सामने आया था कि गांव में 12 साल के बच्चों, मृतकों और गांव से बाहर रहने वाले लोगों के नाम पर बड़ी संख्या में फर्जी वोट बनवाए गए थे. डीएम राजेंद्र पेंसिया के आदेश पर सुपरवाइजर लेखपाल गुन्नू बाबू ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए वोटर बनने के आरोप में बिलालपत गांव के रहने वाले 48 लोगों के खिलाफ असमोली थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.मंगलवार को इसी फर्जीवाड़े की जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर नीतू रानी और नायब तहसीलदार दीपक जुरैल गांव पहुंचे थे. वहीं सचिवालय कक्ष में शिकायतकर्ता ग्राम प्रधान पति मोहम्मद कमर अली और मौजूदा प्रधान पद प्रत्याशी आबिद अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे. जांच के दौरान ही दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हुए जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गए. बवाल इतना बढ़ा कि एक पक्ष ने पत्थरबाजी शुरू कर दी और सचिवालय की कुर्सियां एक-दूसरे पर फेंकनी शुरू कर दीं.
मौके पर अफरा-तफरी का माहौल देख जांच टीम के अधिकारियों ने एक कमरे में खुद को बंद कर लिया जिसमें डिप्टी कलेक्टर नीतू रानी भी शामिल थीं. सूचना मिलते ही असमोली थाना प्रभारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर किया.पुलिस ने मौके से आधा दर्जन से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया. इस पूरी घटना की लाइव तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
असमोली थाना प्रभारी मोहित चौधरी ने मौखिक तौर पर बताया कि 'विवाद में प्रधान पद के प्रत्याशी आबिद पक्ष के कुछ लोग घायल हुए हैं. आबिद की तहरीर पर मौजूदा प्रधान पक्ष के पांच नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने प्रधान कमर अली सहित तीन लोगों को जेल भेज दिया है. जबकि वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है.'
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