Meerut Kanwar Yatra news: इस बार की कांवड़ यात्रा में डीजे के शोर और नियमों की अनदेखी करने वालों पर प्रशासन सख्त हो गया है. मेरठ सहित पूरे कांवड़ मार्ग पर ध्वनि प्रदूषण और सुरक्षा नियमों को लेकर विशेष निगरानी रखी जा रही है. पुलिस ने ऐसे 120 डीजे संचालकों को चिन्हित किया है, जिनमें से 30 बड़े डीजे संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं. इसके साथ ही आयोजकों को भी साफ चेतावनी दी गई है कि अगर नियमों का पालन नहीं हुआ तो कानूनी कार्रवाई होगी.
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सख्ती का असर, कई कार्यक्रम निरस्त
प्रशासन की इस बार की सख्ती अब जमीन पर दिखने लगी है. कई जगहों पर ऐसे डीजे कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है जिनकी ऊंचाई और आवाज तय मानकों से अधिक थी. यह कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है कि कांवड़ यात्रा के दौरान भक्तों को कोई परेशानी न हो और आम नागरिकों को ध्वनि प्रदूषण का सामना न करना पड़े. मेरठ बॉर्डर से लेकर हरिद्वार तक, सभी जिलों में पुलिस की विशेष टीमें सक्रिय हैं. नियमों का उल्लंघन करने पर न सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा, बल्कि डीजे को जब्त भी किया जा सकता है.
क्या हैं डीजे को लेकर नए दिशानिर्देश?
डीजे के संचालन के लिए पुलिस ने स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें केवल ध्वनि स्तर (डेसीबल) ही नहीं बल्कि ऊंचाई और सुरक्षा मापदंडों को लेकर भी सख्त नियम हैं. मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि, 'पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, करीब 120 से अधिक डीजे मेरठ से गुजरे थे, जिनमें से 30 काफी बड़े डीजे थे. इन सभी की एक सूची बनाई गई थी. शासन के मानकों से अवगत कराने के लिए इन्हें नोटिस तामील कराई गई है."
पुलिस के मुताबिक झारखंड, पश्चिम बंगाल और आसपास के जिलों के इन 30 बड़े डीजे संचालकों के पास पुलिसकर्मी भेजे गए थे. उन्हें नोटिस देकर मानक बताए गए हैं और यह निर्देश भी दिए गए हैं कि यदि वे मानकों का पालन नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी और डीजे को जब्त भी किया जा सकता है.
संचालकों के साथ आयोजक भी जिम्मेदार
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने यह भी बताया कि डीजे संचालकों के साथ-साथ आयोजकों को भी नोटिस भेजे गए हैं, जिन्होंने इन डीजे को बुक किया था. इनमें मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा के आयोजक शामिल हैं. उनसे आग्रह किया गया है कि वे सभी मानकों का पालन करें और श्रद्धालुओं या आम नागरिकों के लिए किसी तरह की दिक्कत या जाम की स्थिति पैदा न करें.
अक्सर देखा जाता है कि बड़े डीजे के कारण सड़कों पर जाम लग जाता है और तेज़ आवाज में संगीत बजने से आम जनता को भी परेशानी होती है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह सख्ती की जा रही है.
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डीजीपी राजीव कृष्णा के भी कड़े निर्देश
इससे पहले उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्णा ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए थे. उन्होंने कहा था कि:
- डीजे प्रतिस्पर्धाओं को सख्ती से रोका जाए.
- स्थानीय लोगों को रूट डायवर्जन की जानकारी पहले से दी जाए.
- किसी भी गलत सूचना या अफवाह का तुरंत खंडन किया जाए और जनता को जागरूक किया जाए.
- आपराधिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए और किसी भी अप्रिय गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई हो.
- दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ लिंक रोड और राज्य राजमार्गों पर भी सतर्कता बरती जाए और यातायात प्रबंधन ठीक से हो.
- कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे की ऊंचाई, चौड़ाई और ध्वनि स्तर से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए.
- सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कांवड़ यात्रा के दौरान अभेद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है, जिसमें सक्रिय खुफिया जानकारी, त्वरित पुलिस कार्रवाई, अफवाहों पर नियंत्रण और सोशल मीडिया पर तुरंत प्रतिक्रिया देना शामिल है.
- भक्तों की आस्था का सम्मान होगा, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा.
यह सभी कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे हैं कि लाखों शिवभक्तों की यह आस्था यात्रा शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुचारु रूप से संपन्न हो.
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