UP News: यूपी Tak की खास सीरीज 'आज का यूपी' में हम बात करेंगे प्रदेश की उन तीन बड़ी सियासी खबरों पर जिन्होंने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. पहली बड़ी खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल के अनावरण की है जिसे बीजेपी के भीतर पनप रही ब्राह्मण राजनीति की काट के तौर पर देखा जा रहा है. दूसरी खबर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती से जुड़ी है जो दादी बन गई हैं. उन्होंने अपनी तीसरी पीढ़ी को अभी से मिशन के लिए समर्पित कर दिया है. तीसरी खबर प्रेरणा स्थल को लेकर छिड़े जातीय संग्राम की है जिसमें समाजवादी पार्टी ने ओबीसी और दलित महापुरुषों की अनदेखी का मुद्दा उठाया है.
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राष्ट्र प्रेरणा स्थल- बीजेपी की ब्राह्मण पॉलिटिक्स का मास्टरस्ट्रोक?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लखनऊ के बसंत कुंज इलाके में भव्य राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण किया. 65 एकड़ में फैला यह परिसर कभी कूड़े का ढेर हुआ करता था लेकिन आज यह बीजेपी के तीन वैचारिक स्तंभों की यादों से महक रहा है. यहां जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं लगाई गई हैं.
दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों महानायक ब्राह्मण समाज से आते हैं. पिछले दिनों बीजेपी के ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बाद जो बेचैनी की खबरें आ रही थीं अब माना जा रहा है कि इस भव्य स्मारक के जरिए बीजेपी ने उस नाराजगी को शांत करने का बड़ा सियासी संदेश दिया है.
मायावती बनीं दादी- बसपा के मिशन में तीसरी पीढ़ी की एंट्री
बीएसपी सुप्रीमो मायावती के घर खुशियों ने दस्तक दी है. उनके भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को बेटी हुई है. लेकिन मायावती ने इस खुशी के मौके को भी एक बड़े सियासी संदेश में बदल दिया. मायावती ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि आकाश आनंद ने अपनी बेटी को बहन जी (मायावती) की तरह ही बहुजन मिशन के प्रति समर्पित करने की इच्छा जताई है.
मायावती ने इस नवजात बच्ची को अभी से मूवमेंट से जोड़कर अपने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि बसपा का मिशन पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ेगा. यह कार्यकर्ताओं के लिए एक कॉल है कि वे भी अपनी अगली पीढ़ी को इसी विचारधारा से जोड़ें.
प्रेरणा स्थल पर PDA का वार, सपा ने उठाए सवाल
बीजेपी के इस भव्य प्रोजेक्ट (प्रेरणा स्थल) पर समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. सपा का आरोप है कि बीजेपी केवल एक वर्ग विशेष की राजनीति कर रही है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं ने सवाल उठाया कि अगर यहां तीन महापुरुषों की मूर्तियां लगी हैं तो उनमें कोई दलित या ओबीसी नेता क्यों नहीं है? मालूम हो कि राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं लगी हैं. तीनों ब्राह्मण समाज से आते हैं.
नीचे देखें पूरी वीडियो रिपोर्ट:
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