200 साल पहले इस गांव में अचानक आया पेड़ पर फल, खाया तो लगा लाजवाब, जानें दशहरी आम का रोचक इतिहास

सत्यम मिश्रा

08 Apr 2023 (अपडेटेड: 08 Apr 2023, 10:57 AM)

Lucknow News: आम को फलों का राजा कहा जाता है. भारत में कई प्रकार के आम पाएं जाते हैं. मगर कुछ आम ऐसे हैं, जो…

UPTAK
follow google news

Lucknow News: आम को फलों का राजा कहा जाता है. भारत में कई प्रकार के आम पाएं जाते हैं. मगर कुछ आम ऐसे हैं, जो पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. ऐसे ही आम की एक किस्म है ‘दशहरी’ आम. दशहरा आम आपने कभी न कभी जरूर खाया होगा. अगर आपको आम खाने का ज्यादा शौक भी नहीं है फिर भी आपने कभी न कभी दशहरी आम का स्वाद जरूर चखा होगा.

यह भी पढ़ें...

दशहरी आम उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में काफी प्रसिद्ध है. ऐसे में आपके दिमाग में जरूर ये आया होगा कि आखिर इस आम को दशहरा या दशहरी आम क्यों कहा जाता है? आखिर ये आम आया कहां से है? आज हम आपको दशहरी आम के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद आपको नहीं पता होगा.

ये हैं दशहरी आम की कहानी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में काकोरी नाम का ऐतिहासिक स्थान है. इस स्थल के पास एक गांव हैं, जो इस पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है. दरअसल इस गांव का नाम दशहरी गांव है. इसी गांव से दशहरी आम का इतिहास शुरू होता है.

10 करोड़ है ‘घोलू’ भैंसे की कीमत, इसके दादा भी थे ‘चैंपियन’, खाने का खर्चा है ₹4 लाख

ऐतिहासिक दशहरा वृक्ष से शुरू हुई इस आम की कहानी

दरअसल इस गांव में एक प्राचीन पेड़ है. कहा जाता है कि करीब 200 साल पहले इस पेड़ पर आम का पहला फल आया. जब गांव के लोगों ने इस फल को चखा तो वह इसके स्वाद को देखकर हैरान रह गए. लोगों ने इससे पहले ऐसा स्वाद और रसभरा फल नहीं खाया था.

यहां से दूसरी जगह पर भी इसे भेजा गया और वहां अन्य लोगों ने भी इसे लगाया तो फिर वहां भी वहीं स्वाद का फल इसपर आया. ये आम धीरे-धीरे अपने अनोखे स्वाद और रस के लिए क्षेत्र में प्रसिद्ध होता गया. दशहरा गांव में इसकी उत्पत्ति होने की वजह से इस आम की किस्म को दशहरा नाम दिया गया.

200 साल पुराना बताया जाता है पेड़

गांव के रहने वाले दीप यादव बताते हैं कि दशहरी आम का जो पेड़ है वह करीब 200 साल पुराना बताया जाता है. वह कहते हैं कि हमने अपने दादा से और हमारे दादा ने अपने दादा से भी इस पेड़ के किस्से सुने हैें. दादा जी कहते थे कि वह जब बच्चे थे और उनके पिता भी जब बच्चे थे तभी से इस पेड़ पर आम का फल आ रहा है.

गांव के रहने वाले जयदीप बताते हैं कि दशहरी आम के पेड़ में फल आज भी आते हैं. अभी फल छोटे हैं, जो समय के साथ बड़े होते जाएंगे. देश-विदेश के लोग इस गांव में इस पेड़ को देखने के लिए आते हैं. लोग इस पेड़ के पास खड़े होकर फोटो भी खिंचवाते हैं.

बता दें कि अंग्रेजी में इस पेड़ को “मदर ऑफ ट्री” कहा जाता है. अब लोगों ने इस पेड़ के पास आम के अन्य पेड़ भी लगा दिए हैं. अब ये जगह आम के बागों से भरी हुई दिखती है.

सरकार ने दिया ऐतिहासिक पेड़ का दर्जा

इस आम के पेड़ का संरक्षण गांव के ही समीर जैदी करते हैं. आम को किसी तरीके की हानि न पहुंचे इसके लिए चारों तरफ से तारों का घेराव किया गया है, जिससे कोई जानवर यहां प्रवेश न कर सकें. इसके साथ ही जब इसमें फल लगते हैं तो पेड़ों पर और इसके आस-पास जाल लगा दिए जाते हैं, जिससे चिड़ियां फल को नुकसान न पहुंचा सके. समय-समय पर पेड़ों पर छिड़काव भी किया जाता है, ताकि कीड़े न लग सकें. सरकार ने इस पेड़ को ऐतिहासिक वृक्ष का दर्जा भी दिया हुआ है.

    follow whatsapp
    Main news