महिला वकील शालिनी ने लखनऊ के APO दीपक कुमार संग किया ये कांड... एडवोकेट अशोक पांडेय चलता रहा ये चाल 

Lucknow Crime News: लखनऊ के एपीओ दीपक कुमार को झूठे रेप केस में फंसाकर 10 लाख रुपये ऐंठने वाले रैकेट का पर्दाफाश। महिला एडवोकेट के बाद अब साथी एडवोकेट अशोक पांडेय पर भी बार काउंसिल ने एक्शन लिया है। जानें क्या है पूरा मामला।

तस्वीर में अशोक पांडेय और शालिनी सिंह

अंकित मिश्रा

• 02:09 PM • 27 Aug 2025

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Lucknow News: लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र के एपीओ दीपक कुमार को रेप केस में फंसाकर 10 लाख रुपये की उगाही करने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद अब बड़ा एक्शन हुआ है. महिला एडवोकेट शालिनी शर्मा के बाद अब उनके साथी एडवोकेट अशोक पांडेय को भी बार काउंसिल ने दोषी पाया है. बार काउंसिल की अनुशासन समिति ने माना है कि अशोक पांडेय ने एडवोकेट एक्ट का उल्लंघन करते हुए दुराचरण किया है. कमेटी ने अशोक पांडेय को एक साल निगरानी में रखने का आदेश दिया है और चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो.

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पहले शालिनी शर्मा का रजिस्ट्रेशन हुआ था रद्द

इससे पहले जनवरी 2025 में अनुशासन समिति ने एडवोकेट शालिनी शर्मा का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था और उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. शालिनी शर्मा के खिलाफ लखनऊ और वाराणसी में मुकदमे दर्ज हैं.

कैसे हुआ पूरा खेल?

लखनऊ के आशियाना निवासी एपीओ दीपक कुमार ने जून 2024 में बनारस के कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में दीपक ने बताया कि राधेश्याम तिवारी नाम का व्यक्ति उनसे लगातार कॉल कर 10 लाख रुपये की डिमांड कर रहा था और फर्जी केस में फंसाने की धमकी दे रहा था. जांच में सामने आया कि राधेश्याम के साथ प्रयागराज के एडवोकेट अशोक पांडेय और सहारनपुर की एडवोकेट शालिनी शर्मा उर्फ खुशी सिंह शामिल थे. इन लोगों ने दीपक के खिलाफ 2023 में प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में झूठा रेप केस दर्ज कराया था.

35 लाख की डिमांड और नया फर्जी केस

दीपक कुमार का आरोप है कि शालिनी और अशोक ने पहले नौकरी से निकलवाने की धमकी देकर 10 लाख रुपये ऐंठे. फिर केस हाईकोर्ट में ओपन कराने की धमकी देते हुए 35 लाख रुपये की मांग की. दीपक के इनकार करने पर उन्होंने शाहजहांपुर के एक होटल में फर्जी रेप केस दर्ज करा दिया.

अक्टूबर 2023 में होटल में रेप की घटना दिखाई गई और एफआईआर की कॉपी परिवार और ऑफिस में भेजी गई. इसके बाद विभागीय जांच बैठ गई. लेकिन जांच में सामने आया कि जून 2023 में दीपक का तबादला वाराणसी हो चुका था और होटल जाने का कोई सबूत नहीं मिला. न सीसीटीवी फुटेज थी, न गवाह. पुलिस ने केस में फाइनल रिपोर्ट लगाकर मामला बंद कर दिया.

बार काउंसिल में फर्जी दस्तावेज का खेल

दबाव बनाने के लिए शालिनी ने 2024 में बार काउंसिल में भी शिकायत कर दी. शिकायत के साथ फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट लगाया गया. दस्तावेज में 2001 में शादी रजिस्टर्ड होना बताया गया था. जांच में पता चला कि यह दस्तावेज फर्जी है. अनुशासन समिति ने जांच में शालिनी को दोषी माना. जनवरी 2025 में उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके बाद दीपक ने शालिनी के खिलाफ लखनऊ और वाराणसी में केस दर्ज कराया.

अब अशोक पांडेय पर एक्शन

शालिनी के बाद अब अशोक पांडेय की भूमिका की जांच पूरी हो चुकी है. बार काउंसिल की अनुशासन समिति ने पाया कि अशोक पांडेय ने दीपक कुमार से 10 लाख रुपये की उगाही की थी. कमेटी ने इसे एडवोकेट एक्ट के तहत दुराचरण माना है. उन्हें एक साल तक निगरानी में रखा जाएगा और दोबारा ऐसी गलती करने पर कड़ी कार्रवाई होगी.

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