कानपुर के नरवाल इलाके से एक 17 साल की नाबालिग लड़की की रहस्यमय मौत सुर्खियों में है. 6 तारीख को घर से लापता हुई लड़की का शव 7 दिन के बाद गांव से दूर एक तालाब के किनारे मिला. इस दौरान लड़की के नाक से खून निकल रहा था. लेकिन इस केस ने एक अलग मोड़ तब ले लिया जब लड़की के परिजनों और पुलिस के दावे अलग-अलग दिखे. दरअसल लड़की के परिजनों का कहना है कि उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन पुलिस परिजनों के इस दावे को झूठा बता रही है. फिलहाल लड़की के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसकी मौत का कोई कारण साफ नहीं हो पाया है जिसने इस केस को और उलझाकर रख दिया है.
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6 दिसंबर को अचानक गायब हुई लड़की 13 को मिली बॉडी
नरवाल स्थित एक गांव की रहने वाली एक 17 साल की बच्ची 6 दिसबंर तो अचानक घर से गायब हो गई. परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी रोजाना की तरह घर से निकली थी. लेकिन वापस लौटकर नहीं आई. ऐसे में परिजनों ने उसकी तलाश आसपास, गली-मोहल्ले और रिश्तेदारों के पास की. लेकिन जब कहीं कुछ पता नहीं चल पाया तो उन्होंने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. परिजनों का कहना है कि उन्होंने 7 से 8 तारीख के बीच बच्ची की गुमशुदगी दर्ज कराई. इस बीच 13 दिसंबर को लड़की की बॉडी गांव के बाहर एक तलाब के किनारे मिली. इस दौरान लड़की के नाक से खून बह रहा था. लड़की की बॉडी मिलने के दूसरे दिन यानी 14 दिसंबर को परिजनों ने बॉडी की पहचान करते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी.
पुलिस और परिजनों के अलग-अलग दावे
परिजनों का जहां एक ओर कहना है कि उन्होंने बच्ची के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. साथ ही उनका ये भी कहना है कि उन्होंने गांव के एक युवक पर शक भी जाहिर किया था. लेकिन पुलिस कमिश्नर के स्टाफ ऑफिसर अमरनाथ यादव दावा कर रहे हैं कि घरवालों ने बेटी के गुम होने की कोई सूचना उन्हें नहीं दी थी.
खबर लिखे जाने तक इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है. लड़की का शव मिलने के बाद 14 दिसंबर को उसका पोस्टमार्टम कराया गया. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण अभी साफ नहीं हो पाया है. पुलिस ने मौत की वजह जानने के लिए विसरा सुरक्षित करवाया है. रेप की आशंका के मद्देनजर स्लाइड भी बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है. फिलहाल इस मामले ने अपने पीछे कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जैसे कि अगर लड़की के नाक से खून बह रहा था तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उस चोट का कोई स्पष्ट जिक्र क्यों नहीं है. अगर बेटी 6 तारीख को लापता हुई थी और परिजनों का कहना है कि उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी तो उस सूचना का रिकॉर्ड कहां है. अगर पुलिस को जानकारी थी, तो फिर सात दिनों तक उसकी तलाश के लिए क्या कदम उठाए गए. नाबालिग के लापता होने के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जरूरत होती है. लेकिन इस मामले में तलाश को लेकर कोई ठोस विवरण सामने नहीं आया है.
फिलहाल पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पड़ताल की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, जांच का दायरा गांव और आसपास के इलाकों तक सीमित रखा गया है. पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है और हर संभावित कड़ी को जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
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