जीजा-साले की जोड़ी विवाह और शिवांशी के साथ मिल बड़े स्टाइल से करते थे ठगी, इनकी कहानी गजब है

UP News: कानपुर में जीजा-साले की जोड़ी ने मिलकर ठगी का ऐसा मायाजाल रचा, जिससे पुलिस भी हैरान रह गई. इन दोनों ने कंप्यूटर पर एक प्रोगाम बनाया और कॉल सेंटर बनाकर पूरे देश में ठगी का नेटवर्क चला दिया.

Kanpur

रंजय सिंह

11 Jul 2024 (अपडेटेड: 11 Jul 2024, 06:39 PM)

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UP News:  कानपुर में जीजा-साले की जोड़ी ने मिलकर ठगी का ऐसा मायाजाल रचा, जिससे पुलिस भी हैरान रह गई. इन दोनों ने कंप्यूटर पर एक प्रोगाम बनाया और कॉल सेंटर बनाकर पूरे देश में ठगी का नेटवर्क चला दिया. पिछले काफी समय से इन जीजा-साले की जोड़ी ने देशभर में कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया. पुलिस को इनकी कई शिकायते मिल चुकी थी. अब पुलिस ने इनके पूरे काले कारनामों का खुलासा कर दिया है और इनके साथ 2 लड़कियों को भी पकड़ लिया है. 

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल 9 जुलाई को गाजियाबाद के रहने वाले गोविंद भारद्वाज से 1.5 लाख रुपये ठग लिए गए. इन्होंने बकायदा एक कॉल सेंटर बना रखा था, जहां से ये ठग नेटवर्क को चलाते थे. गाजियाबाद के गोविंदा की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसे नंबर की जब पूरी जांच की तो पता चला कि वह नंबर कानपुर के  काकादेव में स्थित एक इमारत से एक्टिव है. इसका इस्तेमाल एक कॉल सेंटर में किया जा रहा है.
इसके बाद पुलिस ने पूरी तैयारी के साथ कॉल सेंटर में छापा मारा तो जीजा अरुण सिंह और उसके साले अभिषेक सिंह का गैंग सामने आ गया. इन दोनों ने कॉल सेंटर में 2 लड़कियां भी रखी हुई थी, जो लोगों को फोन किया करती थी और ठगी का शिकार बनाती थी. 

विवाह और शिवांशी करती थी लोगों को फोन

मिली जानकारी के मुताबिक, विवाह सिंह और शिवांशी नाम की ये दो लड़कियां ही कॉल सेंटर से फोन करके लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनती थी. पुलिस के मुताबिक, इनके करीब 84 नंबर रडार पर थे. यह लोग पूरे देश के कई जिलों में अपना साइबर ठगी का नेटवर्क चला रहे थे. बता दें कि ये लोग पीड़ित लोगों से पहले लिमिट बढ़ाने के नाम पर उनका क्रेडिट कार्ड डिटेल ले लेते थे. फिर खुद विभिन्न पेमेंट एप डाउनलोड करके उसमें पैसा ट्रांसफर कर लेते थे. सामने वाले को जब तक ठगी का पता चलता, ये लोग गायब हो जाते थे.

पुलिस ने ये बताया

इस पूरे मामले पर डीसीपी क्राइम ब्रांच आशीष श्रीवास्तव ने बताया, यह गैंग बड़े स्टाइल से काम करता था. यह लड़कियां पहले लोगों को फोन करके उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने या क्रेडिट कार्ड में पॉइंट रिडीम करने का झांसा देकर उनको अपने बातचीत में फंसा लेती थीं. फिर उनके क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर उनका ओटीपी भी ले लेती और इसके बाद दूसरे ऐप डाउनलोड करके उसमें रकम को ट्रांसफर कर लेती थी. पुलिस ने इनके पूरे नेटवर्क का खुलासा कर दिया है.

(ये स्टोरी हमारे यहां इंटर्न कर रही साक्षी वर्मा ने एडिट की है)

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