Kanpur News: रविवार को कानपुर के 39 केंद्रों पर सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) की परीक्षा आयोजित की गई. इसमें 23 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए. लेकिन ज्ञान भारती सेंटर पर लखनऊ से आई नूर फातिमा के लिए यह दिन आंसुओं में बदल गया. नूर फातिमा का आरोप है कि वह सुबह 8 बजे ही सेंटर के अंदर दाखिल हो गई थी. गेट बंद होने का समय 8:15 था. अंदर चेकिंग के दौरान उसे बताया गया कि वह मेटल पहनकर परीक्षा नहीं दे सकती. फातिमा तुरंत बाहर आई और भीड़ में उसने अपने पति को ढूंढकर नोज पिन दी. दावा है कि इस पूरी प्रक्रिया में महज 2 मिनट का समय लगा. लेकिन जब वह दोबारा गेट पर पहुंची तो गेट बंद हो चुका था.
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गेट पर चीखती रही फातिमा पर नहीं मिली कोई मदद
फातिमा गेट पर घंटों रो-रोकर गुहार लगाती रही कि अभी परीक्षा शुरू होने में समय है लेकिन प्रशासन ने नियमों का हवाला देकर गेट नहीं खोला. फातिमा का कहना था कि ए़डमिट कार्ड में कहीं नहीं लिखा था कि नोज पिन पहनकर आना मना है. उसने सवाल उठाया कि कोहरे के इस मौसम में जब सेंटर इतनी दूर दिए गए हैं तो क्या केंद्र के अंदर ऐसी छोटी चीजें रखने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए थी?
एसीपी आनंद ने बताई फोटोकॉपी वाली बात
मौके पर मौजूद एसीपी आनंद ने फातिमा की पीड़ा देख खुद अंदर जाकर अधिकारियों से बात की लेकिन स्कूल प्रशासन ने नियम की मजबूरी बताकर एंट्री देने से साफ इनकार कर दिया. एसीपी ने बताया कि मेटल पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं थी और फातिमा को आधार की फोटोकॉपी भी करानी थी.
स्कूल की प्रिंसिपल ने स्पष्ट किया कि आयोग ने मेटल पहनकर परीक्षा देने की परमिशन नहीं दी है. यह बात सबको पहले से पता होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, "सवा आठ के बाद एंट्री नियम के विरुद्ध है. हमें भी छात्रा का दुख है, लेकिन हम नियमों से बंधे हैं." सिर्फ नूर फातिमा ही नहीं बांदा से आई आकांक्षा गुप्ता भी इसी कड़े नियम और समय की पाबंदी के कारण परीक्षा देने से महरूम रह गई.
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