कानपुर में जब धमाका हुआ तब जहान्वी और नेहा सोनकर बाजार में थीं... ब्लास्ट के बाद 4000 रुपये का सामान छोड़ भागी थीं

कानपुर के मेस्टन रोड पर हुए स्कूटी विस्फोट में घायल दो बहनों जहान्वी और नेहा सोनकर ने उस दर्दनाक हादसे और उससे उठी दहशत का दर्द बयां किया. जहान्वी के शरीर पर विस्फोटक के निशान हैं. परिवार ने प्रशासन से इस घटना की गंभीर जांच की मांग की है.

रंजय सिंह

• 03:12 PM • 09 Oct 2025

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Kanpur News: कानपुर के मेस्टन रोड पर बीते बुधवार शाम करीब 7:20 बजे हुए स्कूटी विस्फोट की गूंज अभी तक वहां के लोगों के जेहन से नहीं गई है. इस हादसे में आठ लोग घायल हुए थे, जिनमें चार को गंभीर हालत में लखनऊ रेफर किया गया था. हादसे के समय वहां पर 20 वर्षीय जहान्वी सोनकर और उनकी बहन नेहा सोनकर भी मौजूद थीं. यह विस्फोट उनके लिए दर्दनाक और डरावना अनुभव बन गया है. इस विस्फोट में दोनों बहनें घायल हुईं और अब तक उस भयानक हादसे की मानसिक चोट से उबर नहीं पाईं हैं.

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दुकान में सामान खरीद रहीं थीं दोनों बहने 

जहान्वी और नेहा सोनकर विस्फोट के ठीक बगल वाली दुकान में कपड़े खरीद रही थीं. धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दोनों बहनें होश खो बैठीं. इस हादसे में जहान्वी के कान के नीचे के बाल जल गए. इसके अलावा उनके कान के पास का हिस्सा झुलस गया और हाथ-पैरों पर जलने के निशान हैं. उनका कहना है कि उस वक्त उन्हें सुनाई देना बंद हो गया था और चारों तरफ धुआं व अंधेरा छा गया था.

दहशत में दोनों बहनें लगभग 4,000 रुपये का खरीदा हुआ सामान दुकान के बाहर ही छोड़कर भाग गईं. दोनों ने किसी तरह घरवालों को फोन कर बुलाया और उसके बाद में डॉक्टर को दिखाया गया.

मां ने की यह भावुक अपील

जहान्वी की मां अंजू सोनकर ने बताया कि जैसे-तैसे उनकी बेटियों की जान बची है. वह प्रशासन से अपील कर रही हैं कि इस घटना की गहराई से जांच की जाए और यह पता लगाया जाए कि आखिर विस्फोट हुआ कैसे और किसने किया. उनका कहना है कि अगर विस्फोट का समय थोड़ा भी इधर-उधर होता तो शायद आज उनकी बेटियां उनके पास न होती. 

जहान्वी ने विस्फोट को लेकर कही यह बात 

जहान्वी का कहना है कि यह कोई पटाखा नहीं था, बल्कि एक बड़ा धमाका था जिसमें कई लोग घायल हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भले ही प्रशासन की लिस्ट में सिर्फ आठ घायलों के नाम हों लेकिन हकीकत में कई और लोग हैं जो इस विस्फोट से प्रभावित हुए हैं, चाहे शारीरिक रूप से या मानसिक रूप से.

परिवार का कहना है कि प्रशासन को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और यह जांच करनी चाहिए कि आखिरकार स्कूटी में विस्फोट कैसे हुआ. आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस तरह की घटनाओं की सच्चाई सामने आनी बहुत जरूरी है.

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