Kanpur Crime News: कानपुर की नई सड़क हिंसा प्रकरण में आरोपी रहे मुख्तार अहमद उर्फ बाबा बिरयानी पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगा है. जाजमऊ के चमड़ा व्यापारी शमशेर आलम ने आरोप लगाया है कि उनसे योजनाबद्ध तरीके से लगभग 2 करोड़ 86 लाख 71 हजार रुपये की रकम हड़प ली गई. पीड़ित की शिकायत पर जाजमऊ थाने में नामजद मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
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बाबा बिरयानी इस तरीके से कर रहा था शमशेर आलम को परेशान
शमशेर आलम ने बताया कि दबंगई के दम पर उनसे सालों तक एक खास टेनरी को ही कच्चा चमड़ा सप्लाई करने के लिए मजबूर किया गया. भुगतान टलता रहा. जब रकम की मांग की गई तो जान से मारने की धमकी दी गई. आरोप है कि टेनरी मालिक के निधन के बाद बाबा बिरयानी ने उसके बेटों से सांठगांठ कर फैक्ट्री बिकवा दी और रकम को विदेश में निवेश कर दिया. पीड़ित का कहना है कि स्थानीय थाना और डीसीपी स्तर पर शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. बाद में मामला पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा जिनके निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई. इसी बीच मुख्य आरोपी का बेटा महफूज देश छोड़कर दुबई चला गया.
कैसे हुई थी शमशेर आलम और बाबा बिरयानी की मुलाकात
शमशेर आलम ने बताया कि वह नूर हाइड कंपनी के नाम से कच्चे चमड़े का कारोबार करते हैं. व्यापार के सिलसिले में उनकी मुलाकात बाबा बिरयानी और उसके बेटे महफूज से हुई. दोनों ने शमशेर को गुडविल टेनर्स के मालिक और उनके बेटों से संपर्क कराया. आरोप है कि बाबा बिरयानी ने साफ तौर पर निर्देश दिया था कि पूरा कच्चा चमड़ा केवल उसी टेनरी को बेचा जाए. साल 2016 से 2024 के बीच लगभग 2.86 करोड़ रुपये का माल सप्लाई किया गया जिसकी रसीदें और टैक्स से जुड़े दस्तावेज पीड़ित के पास सुरक्षित हैं.
पैसे मांगे तो दी गई जान से मारने की धमकी
पीड़ित का आरोप है कि जब उन्होंने बकाया भुगतान की बात उठाई तो सभी आरोपी एकजुट होकर गाली-गलौज करने लगे. गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई. कहा गया कि सप्लाई बंद की तो झूठे मामलों में फंसाकर जेल भिजवा दिया जाएगा.
मालिक की मौत के बाद फैक्ट्री बेचने का आरोप
एफआईआर में कहा गया है कि टेनरी मालिक रईस आलम के निधन के बाद पीड़ित को आशंका हुई कि फैक्ट्री बेची जा सकती है. इसे रोकने के लिए उन्होंने सिविल कोर्ट का सहारा लिया. लेकिन इसके बावजूद आरोपियों ने आपसी साठगांठ से फैक्ट्री का सौदा कर दिया. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि फैक्ट्री बिक्री से मिली बड़ी मात्रा में नगद रकम को आरोपियों ने विदेश खासतौर पर दुबई में निवेश कर दिया.
पैसे भूल जाओ, नहीं तो अंजाम बुरा होगा
पीड़ित के अनुसार, 17 अक्टूबर की शाम वह आखिरी बार बकाया राशि की मांग करने जाजमऊ पहुंचो थे. वहां मौजूद आरोपियों ने उन्हें खुलेआम धमकाते हुए कहा कि 'ज्यादा दबाव बनाया तो गंभीर मामलों में फंसाकर पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ेगी. पैसे भूल जाओ, नहीं तो अंजाम बुरा होगा.'
अब शुरू हुई जांच
धमकियों के बाद पीड़ित ने जाजमऊ थाने में तहरीर दी. लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. बाद में 4 नवंबर को डीसीपी (पूर्वी) को भी शिकायत दी गई. अंत में पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है.
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