इधर अखिलेश यादव ने किया 40000 देने का वादा तो झांसी की महिलाओं ने कह दी ये बड़ी बात

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के महिलाओं को सालाना 40,000 रुपये देने के ऐलान पर झांसी की महिलाओं ने संदेह जताया है. UP Tak की ग्राउंड रिपोर्ट में महिलाओं ने कहा कि यह घोषणा अव्यावहारिक है और महिलाओं के लिए रोजगार व सुरक्षा ज्यादा जरूरी है.

चुनाव से ठीक पहले सभी राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने में जुट जाती हैं. फिर चाहे वह लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा. हाल ही में सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है. अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनती है तो वह महिलाओं को सालाना 40000 देंगे. अखिलेश यादव की ये घोषणा मास्टरस्ट्रोक बताई जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर बात करें बिहार विधानसभा चुनाव की तो वहां नीतीश सरकार की ओर से चुनाव के दौरान महिलाओं को 10000 रुपये देने का वादा किया गया था. ऐसे में बिहार में एनडीए की बड़ी जीत ने यह साबित कर दिया कि इस तरह के वादे महिला वोटर्स को लुभाने में मदद कर सकते हैं.

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फिलहाल अखिलेश यादव का ये ऐलान यूपी में वोटर्स के बीच कितना कामयाब होता है ये देखने वाली बात होगी. फिलहाल जब यूपी Tak की टीम ने अखिलेश यादव के इस वादे के असर को जानने के लिए झांसी के महिलाओं से बात की तो उनकी प्रतिक्रिया काफी हैरान करने वाली मिली. 

महिलाओं ने जताया संदेह

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा महिलाओं को सालाना 40,000 रुपए देने की घोषणा ने झांसी में चर्चा का नया विषय बना दिया है. ऐसे में यूपी Tak ने यहां की महिलाओं से उनके विचार जानने की कोशिश की. यूपी Tak की टीम से बातचीत में एक स्थानीय महिला नीरजा गुप्ता ने कहा कि "ऐसा संभव नहीं है. वे इसे दे ही नहीं पाएंगे. अगर रोजगार की बात करते तो हो सकता था कि वे कुछ कर पाते, लेकिन यह तो असंभव है."

जब रिपोर्टर ने बताया कि अखिलेश यादव ने कहा था कि उनकी पिछली सरकार में उन्होंने 500 रुपये पेंशन देने का ऐलान किया था और उसे पूरा भी किया था, तो इसपर स्थानीय महिला कुसुम साहू ने इसका खंडन करते हुए कहा कि "ऐसा उन्होंने कभी नहीं किया. जो उन्होंने घोषणा की थी, वह आज तक पूरी मात्रा में हमें नहीं मिली. उनकी सरकार की ओर से हमें कोई संतुष्टि नहीं मिली है.

एक और महिला प्रियंका साहू ने भी यूपी Tak की टीम से बात की और कहा कि "सपा सरकार पहले भी चुनाव में झूठी घोषणाएं करती रही है, जैसे कि महिलाओं को 8,000 रुपये देने का ऐलान किया गया था, लेकिन वो पैसे कभी नहीं दिए गए. 40,000 रुपये कोई मामूली राशि नहीं है. जो सरकार 500 रुपये या 1,000 रुपये नहीं दे पाई, वो 40,000 रुपये कैसे देगी. ये सब केवल चुनावी बातें हैं. महिलाओं को रोजगार देना ही असली जरूरत है. 40,000 रुपये देने की बातें बेबुनियादी हैं और किसी को डाइजेस्ट नहीं होंगी."

झांसी की महिलाएं कहती हैं कि अगर सपा सरकार सच में महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती तो रोजगार और सुरक्षा पर फोकस होना चाहिए. उन्होंने बताया कि जब उनकी सरकार थी, महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन जब से योगी सरकार आई है, महिलाएं सुरक्षित महसूस कर रही हैं.

सपा की घोषणा और वास्तविकता

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने गरीब माताओं और बहनों को 40,000 रुपये देने का ऐलान किया है. लेकिन झांसी की महिलाएं इस घोषणा पर भरोसा नहीं कर रही हैं. उनका कहना है कि महिलाओं के लिए सबसे अहम रोजगार और सुरक्षा है, और केवल पैसों के ऐलान से चुनावी एजेंडा पूरा नहीं होगा.

यहां देखें पूरी वीडियो रिपोर्ट

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