दरोगा प्रिया सिंह ने सिपाही शाहिद के साथ मिलकर कमाई का पूरा प्लान बनाया पर बुरी तरह फंस गई और रंगे हाथ धराई!

गाजियाबाद के मुरादनगर थाने में तैनात महिला दरोगा प्रिया सिंह और सिपाही शाहिद को दहेज उत्पीड़न के केस में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए मेरठ एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

मयंक गौड़

21 Dec 2025 (अपडेटेड: 21 Dec 2025, 11:55 AM)

follow google news

उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि एक बार फिर दाग लगा है और इस बार पुलिस विभाग की महिला दरोगा प्रिया सिंह सिपाही शाहिद के साथ इसकी वजह बनी हैं. गाजियाबाद के मुरादनगर थाने में तैनात इस महिला दरोगा और सिपाही ने मिलकर कमाई का जो प्लान बनाया था, वह मेरठ एंटी करप्शन टीम की मुस्तैदी के आगे फेल हो गया. मुरादनगर थाने के पिंक बूथ की प्रभारी महिला दरोगा प्रिया सिंह और उनके सहयोगी सिपाही शाहिद को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ें...

दहेज उत्पीड़ने से जुड़े विवाद में लड़के वालों से मांगी थी रिश्वत

यह पूरा मामला एक पारिवारिक विवाद से शुरू हुआ था. मेरठ सदर तहसील में तैनात लेखपाल रजनीश के खिलाफ उनकी पत्नी चंचल ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में रजनीश को जेल भी जाना पड़ा था. इसी केस की विवेचना मुरादनगर थाने की पिंक बूथ प्रभारी दरोगा प्रिया सिंह कर रही थीं.  आरोप है कि दरोगा प्रिया सिंह ने इस केस का डर दिखाकर रजनीश से सौदेबाजी शुरू की. दरोगा ने रजनीश के सामने दो शर्तें रखीं. पहली मुकदमे से रजनीश के बुजुर्ग माता-पिता का नाम हटाना. दूसरी केस में अन्य गंभीर धाराएं न बढ़ाना. 

इसके बदले दरोगा प्रिया सिंह ने 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी. काफी मान-मनौव्वल के बाद घूसखोरी का ये सौदा 50000 रुपये में तय हुआ. सिपाही शाहिद इस पूरी डीलिंग में बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था.  दरोगा की धमकियों और रिश्वत की मांग से परेशान होकर लेखपाल रजनीश ने मेरठ एंटी करप्शन टीम का दरवाजा खटखटाया. टीम ने शिकायत का सत्यापन किया और जाल बिछाया. शुक्रवार को जैसे ही रजनीश ने मुरादनगर थाने के अंदर दरोगा प्रिया सिंह और सिपाही शाहिद को 50 हजार रुपये कैश थमाया, पहले से घात लगाकर बैठी एंटी करप्शन टीम ने दोनों को दबोच लिया.

धमकी देकर मांग रही थीं पैसे : पीड़ित रजनीश

शिकायतकर्ता रजनीश ने बताया कि मुझसे शुरुआत में 2 लाख रुपये मांगे गए थे. दरोगा जी बार-बार धमकी दे रही थीं कि अगर पैसे नहीं दिए तो माता-पिता का नाम नहीं निकलेगा और मुझे नए केस में फंसा दिया जाएगा. मजबूर होकर मुझे यह कदम उठाना पड़ा.  मेरठ एंटी करप्शन टीम की इंस्पेक्टर अर्चना के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई ने गाजियाबाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है. टीम में इंस्पेक्टर योगेश धामा, एसआई राहुल देव तोमर सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे. गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को मोदीनगर थाने लाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. एंटी करप्शन टीम दोनों को अपने साथ मेरठ ले गई है, जहां उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है.

यह भी पढ़ें: मोदीनगर में रैपिड रेल के कोच में ही इंटिमेट होने लगा ये कपल, युवक-युवती का अश्लील वीडियो हो गया रिकॉर्ड

    follow whatsapp