Noida News: नोएडा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां थाना ईकोटेक 1 पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड के जरिए उबर कंपनी को लाखों का नुकसान पहुंचाने वाले दो चालाक ठगों को गिरफ्तार किया है. ये शातिर अपराधी मौ. उमेर और मुजफ्फर जमाल तकनीक का इस्तेमाल कर फर्जी आईडी बनाते थे और खुद को ड्राइवर व राइडर दोनों बनाकर कंपनी से पैसे ऐंठते थे. इस कामयाबी के साथ पुलिस ने न सिर्फ इन ठगों को पकड़ा, बल्कि उनके पास से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और सामान भी बरामद किया है.
ADVERTISEMENT
इस मामले में पकड़े गए आरोपी मौ. उमेर और मुजफ्फर जमाल, फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर Uber कंपनी को चूना लगा रहे थे. ये आरोपी पहले फर्जी दस्तावेजों के जरिए Uber ऐप पर ड्राइवर और राइडर के तौर पर रजिस्टर करते थे. इसके बाद वे कंपनी से पेमेंट लेने के लिए चालाकी भरा खेल खेलते थे.
पुलिस ने इनके पास से 500 फर्जी आधार कार्ड की कॉपी, 21 मोबाइल फोन, एक बैग, एक छोटा प्रिंटर और एक हुंडई i10 कार बरामद की है. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एडिटिंग ऐप्स और गूगल लेंस की मदद से असली दस्तावेजों में फोटो बदलकर फर्जी आईडी तैयार करते थे. एक ही आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को बार-बार एडिट कर कई नई आईडी बनाई जाती थीं. इन आईडी को उबर ऐप पर अपलोड करने के बाद ये लोग पहले छोटी-छोटी राइड्स पूरी करते थे, ताकि कंपनी का भरोसा जीत सकें.
इसके बाद वे उबर से लोन लेते और एक लंबी राइड (20-30 किलोमीटर) को एडवांस में बुक करते थे. फिर ओटीपी का इस्तेमाल कर खुद ही ड्राइवर और राइडर बन जाते थे. बिना कोई सफर किए वे फर्जी राइड दिखाकर पेमेंट ले लेते थे. पकड़े जाने पर उनकी आईडी ब्लॉक हो जाती थी, लेकिन वे नई आईडी बनाकर फिर वही धोखाधड़ी दोहराते थे.
एडीसीपी ने दी ये जानकारी
एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसे पुलिस ने इंटेलिजेंस की मदद से पकड़ा. इन ठगों ने उबर को भारी नुकसान पहुंचाया था. पुलिस को शक है कि यह एक बड़े साइबर क्राइम गिरोह का हिस्सा हो सकता है. मामले की गहराई से जांच की जा रही है ताकि इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों का भी पता लगाया जा सके. दोनों आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और उनकी गतिविधियों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है.
ADVERTISEMENT
