अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह मस्जिद कैसी होगी, क्या ताजमहल हो जाएगा फेल?

यूपी तक

10 May 2024 (अपडेटेड: 10 May 2024, 11:25 AM)

Muhammad Bin Abdullah Masjid Ayodhya Dhannipur: मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्ला विकास समिति के अध्यक्ष हाजी अरफात शेख ने एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद ताज महल से बेहतर होगी.

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Muhammad Bin Abdullah Masjid Ayodhya Dhannipur: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या के धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण होना है. राम मंदिर से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में बनने वाली इस मस्जिद का नाम 'मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद' रखा गया है. कुछ वक्त पहले भाजपा नेता और मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्ला विकास समिति के अध्यक्ष हाजी अरफात शेख ने एक बड़ा दावा किया था. उन्होंने कहा था कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद ताज महल से बेहतर होगी.

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आपको बता दें कि हाजी अरफात शेख ने मस्जिद की प्रमुख विशेषताओं के बारे में भी खास जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था 'यह नई मस्जिद भारत में सबसे बड़ी होगी. मस्जिद परिसर में भगवा रंग में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान रखी जाएगी, जिसकी ऊंचाई 21 फीट और चौड़ाई 36 फीट होगी.'

 

 

मस्जिद में पहली नमाज कौन अदा करेगा?

हाजी अरफात शेख के अनुसार, मस्जिद में पहली नमाज मक्का के इमाम-ए-हरम अब्दुल रहमान ऐ-सुदैस अदा करेंगे.

'यह मस्जिद ताज महल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी'

हाजी अरफात शेख के अनुसार, "हमें पूरा विश्वास है कि यह मस्जिद ताज महल से भी ज्यादा खूबसूरत होगी. यह 'दवा और दुआ' का केंद्र होगी क्योंकि इसमें न केवल लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत होगी बल्कि 500 ​​बिस्तरों वाला कैंसर अस्पताल भी होगा जिससे लोगों को फायदा होगा." हाजी अरफात शेख ने कहा था, ''यूपी से कोई भी कैंसर के इलाज के लिए मुंबई नहीं जाएगा. इसमें डेंटल, मेडिकल और इंजीनियरिंग के विभिन्न कॉलेज भी होंगे.''

 

 

मस्जिद में चलेगा शाकाहारी लंगर

उन्होंने बताया था, "सभी के लिए शाकाहारी लंगर की सुविधा भी होगी. यह पहली मस्जिद होगी जहां सभी समुदाय के लोग भोजन करेंगे. एक समय में 5,000 लोग एक साथ खाना खा सकेंगे."

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था. साथ ही केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था.

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