अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद के नाम पर फ्रॉड, यहां तो गजब के ही कांड का पता चला!

संतोष शर्मा

Muhammad Bin Abdullah Masjid Ayodhya Dhannipur: अयोध्या में एक तरफ राम मंदिर में लोगों के दर्शन का सिलसिला चल रहा है, तो दूसरी तरफ यहां बनने वाली प्रस्तावित मस्जिद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद को लेकर ठगों ने ठगी का एक अलग ही खेल रच दिया है.

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अयोध्या के धन्नीपुर गांव में नई मस्जिद के निर्माण के लिए आवंटित भूमि। (फोटो: इंडिया टुडे)
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Muhammad Bin Abdullah Masjid Ayodhya Dhannipur: अयोध्या में एक तरफ राम मंदिर में लोगों के दर्शन का सिलसिला चल रहा है, तो दूसरी तरफ यहां बनने वाली प्रस्तावित मस्जिद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद को लेकर ठगों ने ठगी का एक अलग ही खेल रच दिया है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाने के साथ-साथ मस्जिद बनाने के लिए भी सरकार को पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था. यह जमीन धन्नीपुर में दी गई है. 

अब पता चला है कि इस प्रस्तावित मस्जिद के नाम पर चंदा वसूली में ठगी की जा रही है. इस मस्जिद का नाम 'मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद' रखा गया है. अब कुछ लोगों ने इस मस्जिद की डिजाइन पर आधारित फोटो लगाकर बैंक अकाउंट खुलवाए गए हैं. इन खातों में चंदा वसूला जा रहा है. 

अयोध्या के कई बैंक में मस्जिद के नाम पर अकाउंट खोल लिए गए हैं. इस मस्जिद के निर्माण की जिम्मेदारी 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट' के पास है. अब ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी जफर फारूकी ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में केस दर्ज कराया है. शिकायत में बताया गया है कि मस्जिद की फोटो के साथ एक बैंक अकाउंट नंबर सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें चंदे की मांग की जा रही है. 

शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस मोबाइल नंबर से ऑनलाइन चंदा मांगा जा रहा वह अलखैर फाइनेंस के नाम से दर्ज है. इसमें अब तक चंदे के 1.36 लाख रुपये जमा हो चुके हैं. हद तो यह है कि वॉट्सऐप पर चंदा देने का यह संदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष जफर फारूकी के पास भी पहुंच गया था. प्रस्तावित मस्जिद की फोटो और अयोध्या में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की श्रृंगारहाट शाखा का डिटेल देकर ये चंदा लिया जा रहा है. 

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कैसी बननी है अयोध्या वाली मस्जिद? 

आपको बता दें कि 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में राम मंदिर के आंदोलन में शामिल लोगों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2019 को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि मस्जिद का गिराया जाना एक आपराधिक कृत्य था. सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. 

यह जमीन सरकर की तरफ से धन्नीपुर में मुहैया कराई गई. ऐसी जानकारी सामने आई थी कि इस साल मई से मस्जिद निर्माण का काम शुरू हो जाएगा.इस मस्जिद की डिजाइन भारत में दिखने वाली परंपरागत मस्जिदों के डिजाइन से अलग होगी. ट्रस्ट ने मस्जिद का नए सिरे से डिजाइन तैयार कराया है और अब यह मस्जिद 15 हजार वर्ग फुट के बजाय करीब 40 हजार वर्ग फुट में होगी. सरकार द्वारा दी गई जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ एक अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई और एक संग्रहालय का निर्माण कराया जाएगा.

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