उत्तर प्रदेश के आगरा से एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों से लाखों रुपये ऐंठकर उन्हें कंबोडिया भेजा गया. लेकिन कंबोडिया पहुंचने के बाद उन्हें बंधक बनाकर साइबर अपराध करने के लिए मजबूर किया गया.
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जानकारी के मुताबिक आगरा के दो युवक एजेंट के जरिए कंबोडिया गए थे. एजेंट ने दोनों से करीब साढ़े तीन-साढ़े तीन लाख रुपये लिए और 16 जून 2025 को बैंकॉक के रास्ते कंबोडिया भेज दिया. वहां पहुंचते ही युवकों को एक कंपनी में कैद कर लिया गया जहां पहले से ही कई भारतीय युवक बंधक बनाए गए थे. इनसे जबरन डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग और अन्य साइबर ठगी कराई जाती थी.
पीड़ित सौरेब हाथरस के चिरावली गांव का रहने वाला है और फिलहाल आगरा के नगला करौली मलपुरा में अपने नाना के पास रहता है. सौरेब ने पुलिस को तहरीर देकर पूरी कहानी बताई. उसने बताया कि जब उन्होंने इस अपराध में शामिल होने से मना किया तो उनके साथ मारपीट और उत्पीड़न किया गया. किसी तरह परिजनों ने तीन-तीन लाख रुपये जुटाकर भेजा तब जाकर दोनों युवक छुड़ाए गए और 8 जुलाई 2025 को भारत लौट पाए.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि एजेंट अजय शुक्ला ने सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि कई और युवाओं को भी इस जाल में फंसाया है और उनसे साइबर फ्रॉड करवाता है. पुलिस ने एजेंट समेत अन्य लोगों पर मानव तस्करी, धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. मामले की जानकारी गृह मंत्रालय को भी भेज दी गई है. फिलहाल साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल इस सनसनीखेज मामले की जांच में जुटे हैं.
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