आगरा की पूनम ने प्रेमी के चक्कर में दी थी पति को दर्दनाक मौत, अब उसे मिली ऐसी सजा की जिंदगीभर करेगी पछतावा

उत्तर प्रदेश के आगरा में सत्र न्यायालय ने एक दिल दहलाने वाले हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है . पत्नी पूनम और उसके प्रेमी सोनी को पति राकेश की गला घोंटकर हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

Agra News

अरविंद शर्मा

20 Jun 2025 (अपडेटेड: 20 Jun 2025, 05:01 PM)

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उत्तर प्रदेश के आगरा में सत्र न्यायालय ने एक दिल दहलाने वाले हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है . पत्नी पूनम और उसके प्रेमी सोनी को पति राकेश की गला घोंटकर हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. यह सनसनीखेज मामला 24 जनवरी 2021 का है जब प्रेमी सोनी के साथ मिलकर पूनम ने अपने पति की हत्या कर दी थी.  मृतक के पिता राम प्रसाद ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके बेटे की पत्नी पूनम के पड़ोसी गांव तसौद के सोनी के साथ अवैध संबंध थे. इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की जिसने इस हत्याकांड की परतें खोलीं. 

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पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, राकेश और पूनम की शादी आठ साल पहले हुई थी. लेकिन शादी के  पहले से ही पूनम के सोनी के साथ प्रेम संबंध थे जो शादी के बाद भी जारी रहे. पूनम के घर सोनी का आना-जाना बना रहा जिसका राकेश ने कई बार विरोध किया और सोनी को घर आने से मना कर दिया. लेकिन 24 जनवरी की रात करीब 10 बजे पूनम ने चोरी-छिपे सोनी को घर बुला लिया. रात 10:30 बजे जब राकेश घर लौटा और उसने सोनी को देखा तो उसने इसका कड़ा विरोध किया. गुस्से में आकर पूनम और सोनी ने मिलकर राकेश का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई.
  
घटना के समय राकेश के बच्चों की चीख-पुकार सुनकर उसके पिता राम प्रसाद मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने पूनम और सोनी को भागते हुए देखा. दोनों आरोपियों की तलाश में पुलिस ने पूरी रात छानबीन की. लेकिन वे उस समय नहीं मिले. पुलिस ने हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और साक्ष्य छुपाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान 6 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, जांच अधिकारी और मृतक के परिजन शामिल थे.  

सत्र न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार मलिक ने मामले की सुनवाई के बाद 20 जून 2025 को फैसला सुनाया. सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर पूनम और सोनी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 (हत्या और सामान्य इरादे) के तहत दोषी करार दिया गया. अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माना न चुकाने पर दोनों को छह महीने की अतिरिक्त साधारण जेल की सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जुर्माने की आधी राशि मृतक के पिता राम प्रसाद को दी जाए, जबकि शेष राशि राज्य के खजाने में जमा होगी.

बसंत गुप्ता जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आगरा ने बताया है कि ''अदालत ने सबूत और गवाहों के आधार पर सोनी और पूनम को दोषी माना है. और दोनों को आजीवन कारावास की सजा दी है.''

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