मायावती की टेंशन बढ़ा देंगे फलोदी सट्टा बाजार के आंकड़े, बसपा के मुकाबले सपा-कांग्रेस की आ रही इतनी सीट

2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर जीत हासिल करने वाली मायावती की बसपा इस बार कैसा प्रदर्शन करेगी. फलोदी सट्टा बाजार ने लगाया बड़ा अनुमान.

यूपी तक

02 Apr 2024 (अपडेटेड: 02 Apr 2024, 01:21 PM)

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loksabha Election 2024 : भारत में क्रिकेट हो या इलेक्शन, सट्टा बाजार हमेशा गरम रहता है. क्रिकेट की तरह राजनीति में भी रिजल्ट अक्सर चौंकाने वाले आते है, यहां कब किसका पासा पलट जाए किसी को पता नहीं होता. यही वजह है कि क्रिकेट और राजनीति दोनों ही सट्टा बाजार के लिए मुफीद हैं. वहीं लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान का फलोदी सट्टा मार्केट फिर से एक्टिव हो गया है. राजस्थान के फलोदी जिले का सट्टा बाजार में लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में किस पार्टी को कितनी सीट मिल रही है, इस बात पर भी सट्टा लगाया जा रहा है. 

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मायावती को कितनी सीटें?

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को लेकर फलोदी सट्टा बाजार के आकलन के मुताबिक यूपी में एक बार फिर बीजेपी की लहर चल रही है.  फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगी दल 73 से 75 सीटों को अपने नाम करने जा रही है. वहीं यूपी में इंडिया गठबंधन के खाते में पांच सीटे जा रही हैं. सट्टा बाजार की माने तो मायावती का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुलेगा. पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी में 10 सीट लाने वाली मायावती की पार्टी बसपा इस बार शून्य पर सिमट सकती है. 

कांग्रेस को मिलेंगी इतनी सीटें

फलोदी सट्टा मार्केट भाजपा को 335 से 340 सीटें मिलने का अनुमान लगा रहा है. फलोदी के आकलन के अनुसार देश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है. वहीं बाजार के अनुमान की माने तो कांग्रेस को 40-42 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. यह आकलन कहता है कि कांग्रेस केंद्र में इस बार भी सरकार नहीं बना पाएगी. 

बीजेपी को इस बात की मुश्किल

सट्टा बाजार के मुताबिक बीजेपी (BJP) की 330 से 335 सीटों का भाव 1 रुपए है. जबकि 350 सीटों का भाव 3 रुपए और 400 सीटों का भाव 12 से 15 रुपए चल रहा है. जबकि NDA की 400 सीटों का भाव 4 से 5 रुपए चल रहा है. सट्टा बाजार के मुताबिक बीजेपी को 400 पार सीटें मिलना काफी मुश्किल है. बता दें कि फलोदी सट्टा बाजार में हारने वाली पार्टी पर भाव ज्यादा होता है, जबकि जीतती हुई पार्टी पर भाव कम होता है. खास बात यह है कि फलोदी  के सटोरिये देश ही नहीं बल्कि दुनिया की राजनीतिक, खेल की गतिविधियां और बारिश जैसे अनुमान पर अपनी नजर रखते हैं. यहां ऐसे मामलों पर सट्टा लगता है. 

नोट - इस खबर का मकसद केवल सट्टा बाजार में चल रहे रुझानों को दिखाना है, इससे प्रभावित न हों. असल नतीजे इससे उलट भी हो सकते हैं. 

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