Amit Shah and Raja Bhaiya Meeting: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश में सियासी माहौल गर्म है. चुनाव के चलते कई सियासी समीकरण बन और टूट रहे हैं. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की बेंगलुरू में मुलाकात हुई है. इस ऐसी खबर सामने आई है कि गृह मंत्री शाह और राजा भैया के बीच अभी एक राउंड की ओर बातचीत होगी.
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दोनों के बीच क्या बातचीत हुई?
मिली जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव में राजा भैया और उनके प्रभाव वाली सीट पर किस तरह से भाजपा जीत दर्ज सके इस मामले पर दोनों नेताओं के बीच बात हुई है. साथ ही ठाकुरों की नाराजगी का मुद्दा कैसे सुलझाया जाए, इस पर भी दोनों ने चर्चा की है. आपको बता दें कि सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि यूपी में पहले दो चरण के मतदान में ठाकुरों की नाराजगी की वजह से भाजपा को नुकसान हो सकता है. वहीं, राजा भैया यूपी के बड़े ठाकुर नेता माने जाते हैं. ऐसे में आने वाले चरणों में भाजपा को ठाकुरों की नाराजगी न झेलनी पड़े, इसलिए पार्टी हर तरह की कोशिश कर रही है.
बीते दिनों राजा भैया ने दी थी कार्यकर्ताओं को नसीहत!
मालूम हो कि इस बीच राज भैया के कार्यकर्ता पार्टी को लेकर बयानबाजी कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें नसीहत दी गई. पार्टी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा था, "विगत 3 से 4 दिनों से देखा जा रहा है कि जनसत्ता दल के कुछ काकर्ता सोशल मीडिया और कई वॉट्सऐप ग्रुपों में किसी अन्य दल के साथ संभावित गठबंधन की चर्चा कर और अनुशासन में न रहकर बयानबाजी कर रहे हैं. आप सभी से आग्रह है कि जनसत्ता दल के किसी भी गठबंधन में शामिल होने या न होने जैसे मुद्दों पर किसी भी प्रकार के अनावश्यक टिप्पणी, कयास लगाने या किसी भी प्रकार की मीडिया बाइट देने से बचें."
बयान ने आगे कहा गया, "हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री राजा भइया जी का निर्णय सदैव जनसत्ता दल के हित में रहा है. पार्टी के हित में लिए जाने वाला कोई भी निर्णय आधिकारिक रूप से आने तक कृपया अफवाहों और अनुशासनहीन व्यवहार करने से बचें."
2022 में राजा भैया की पार्टी के कितने विधायक जीते थे?
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में राजा भैया की जनसत्ता पार्टी के दो विधायकों ने जीत हासिल की थी. इस प्रकार यह पार्टी यूपी में प्रदेश की चार दशक पुरानी बसपा से विधानसभा में सीटों के मामले में दोगुना के स्तर पर पहुंच गई थी. वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के समकक्ष यूपी में राजा भैया की पार्टी स्थान रखती है. बसपा को यूपी चुनाव में 1 और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली थी.
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