7994 लेखपाल भर्ती में OBC के 2158 के पद के बजाय सिर्फ 1441 क्यों? राजस्व परिषद के एक्शन के बाद ये है ताजा अपडेट

UPSSSC द्वारा 7994 लेखपाल पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होते ही ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद शुरू हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद राजस्व परिषद ने UPSSSC से पदों की संशोधित जानकारी मांगी है, जिससे अभ्यर्थियों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है.

निष्ठा ब्रत

20 Dec 2025 (अपडेटेड: 20 Dec 2025, 12:19 PM)

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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा राजस्व लेखपाल के 7994 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी होते ही राज्य में आरक्षण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. खासतौर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए तय पदों की संख्या को लेकर अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों ने कई सवाल उठाए हैं. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. बढ़ते असंतोष को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने सख्त रुख अपनाया है, जिसके बाद राजस्व परिषद ने मामले में तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें कि राजस्व परिषद आयुक्त ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं. 

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क्या है पूरा विवाद

16 दिसंबर 2025 को UPSSSC ने राजस्व लेखपाल भर्ती की मुख्य परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था . इस भर्ती के तहत कुल 7994 पदों पर चयन होना था. आयोग की ओर से जारी विवरण के अनुसार सामान्य वर्ग (UR) के लिए 4165 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 1441 पद, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 792 पद, अनुसूचित जाति (SC) के लिए 1446 पद और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 150 पद तय किए गए थे.

ओबीसी आरक्षण को लेकर उठा सवाल

इस पूरे विवाद की जड़ ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण से जुड़ी है. नियमों के अनुसार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए, जिसके हिसाब से 7994 पदों में लगभग 2158 पद  ओबीसी के लिए होने चाहिए थे. लेकिन नोटिफिकेशन में केवल 1441 पद ही ओबीसी वर्ग के लिए रखे गए. बता दें कि ये कुल पदों का करीब 18 प्रतिशत ही बनता है. इसके बाद करीब 717 पदों के अंतर को लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी फैल गई और राजनीतिक दलों ने भी इसे मुद्दा बना लिया. 

सीएम योगी के सख्त रुख के बाद राजस्व परिषद सक्रिय

लेखपाल भर्ती की अधियाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने राजस्व परिषद के चेयरमैन को स्पष्ट चेतावनी देते हुए पूरे मामले की जांच और नियमों के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके बाद राजस्व परिषद हरकत में आ गई है. 

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि लेखपाल भर्ती में वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल आरक्षण पूरी तरह और नियमों के अनुसार लागू किया जाए. वर्टिकल आरक्षण  के तहत 27 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 21 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 2 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति का आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.

UPSSSC को भेजा गया पत्र

बता दें कि आयुक्त राजस्व परिषद ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को पत्र भेजकर कहा है कि लेखपाल भर्ती से जुड़ी पदों का संशोधित जानकारी एक सप्ताह के अंदर दी जाए. इसके साथ ही जो 7994 लेखपाल पद खाली बताए जा रहे हैं, उनकी संख्या की दोबारा जांच कर नियम के अनुसार आगे की कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

अभ्यर्थियों को राहत की उम्मीद

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप और राजस्व परिषद की कार्रवाई के बाद अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण से जुड़ी गड़बड़ी को दूर किया जाएगा. अब सभी की निगाहें संशोधित अधियाचन और UPSSSC की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं.

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