उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बालिकाओं की शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम उठा रही है. इसी कड़ी में जालौन जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह भर्तियां संविदा के आधार पर फुल टाइम और पार्ट टाइम पदों के लिए की जाएंगी. इस भर्ती की खास बात यह है कि इन सभी पदों पर केवल महिला अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगी.
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27 पदों पर होगी भर्ती
जालौन जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कुल 27 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी. इन पदों में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक दोनों केटेगरी शामिल हैं. भर्ती का उद्देश्य विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं उपलब्ध कराना है.
शैक्षणिक पदों का विवरण
शैक्षणिक पदों के तहत फुल टाइम और पार्ट टाइम शिक्षिकाओं की भर्ती की जाएगी. इसमें हिंदी और संस्कृत विषय के लिए फुल टाइम शिक्षिका के 2 पद तय किए गए हैं. गणित विषय के लिए फुल टाइम शिक्षिका का 1 पद होगा, जबकि सामाजिक विज्ञान के लिए फुल टाइम शिक्षिका के 2 पदों पर नियुक्ति की जाएगी. इसके अलावा कला क्राफ्ट, संगीत और गृहशिल्प विषयों के लिए पार्ट टाइम शिक्षिकाओं के 2 पद रखे गए हैं. वहीं, कंप्यूटर विषय के लिए पार्ट टाइम शिक्षिका के 1 पद पर भी भर्ती की जाएगी.
गैर शैक्षणिक पदों पर भी अवसर
बता दें कि गैर शैक्षणिक पदों पर भी महिला अभ्यर्थियों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं. इन पदों पर फुल टाइम कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी. भर्ती प्रक्रिया के तहत मुख्य रसोइया के 6 पद, सहायक रसोइया के 10 पद, परिचारक का 1 पद और चौकीदार के 2 पद निर्धारित किए गए हैं.
इन सभी पदों पर भर्ती केवल महिला अभ्यर्थियों के लिए की जाएगी। इससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और विद्यालयों में बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित होंगी .
आवेदन प्रक्रिया और लास्ट डेट
इन पदों के लिए आवेदन पत्र का फॉर्मेट और जरूरी दिशा-निर्देश जालौन जिले की एनआईसी (NIC) की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. इच्छुक महिला अभ्यर्थियों को अपना आवेदन स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से भेजना होगा. आवेदन पत्र 6 जनवरी 2026 तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जालौन के कार्यालय में पहुंच जाना चाहिए.
बालिकाओं की शिक्षा को मिलेगा लाभ
इस भर्ती से कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को बेहतर शिक्षण माहौल और सुविधाएं मिलेंगी. सरकार का यह कदम बालिकाओं की शिक्षा को सशक्त बनाने और गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है.
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