क्या था वो वॉट्सऐप मैसेज जिसने दिला दी धनंजय सिंह को 7 साल की सजा, रोक दिया लोकसभा चुनाव लड़ने से?

संतोष शर्मा

08 Mar 2024 (अपडेटेड: 08 Mar 2024, 09:12 AM)

वॉट्सऐप पर भेजा गया एक मैसेज क्या किसी बाहुबली को सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है? जी हां, जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर को धमकाने के जिस मामले में सजा सुनाई गई है, उस मामले का वादी मुकदमा, गवाह सब पलट गए थे.

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Dhananjay Singh News: वॉट्सऐप पर भेजा गया एक मैसेज क्या किसी बाहुबली को सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है? जी हां, जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर को धमकाने के जिस मामले में सजा सुनाई गई है, उस मामले का वादी मुकदमा, गवाह सब पलट गए थे. मगर उसके बावजूद घटना के वक्त भेजा गया एक मैसेज पुलिस की विवेचना का ऐसा अहम सबूत बना और जांच के बाद दाखिल हुई चार्जशीट का नतीजा था कि बीते 33 सालों से कानून से आंख मिचौली खेल रहे धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई गई और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा. 

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पहली बार हुई है धनंजय सिंह को सजा
 

33 सालों में यूपी पुलिस का दो बार 50000 का इनामी, जिस पर कभी 43 मुकदमे दर्ज थे, जिसके नाम के आगे बाहुबली विशेषण के तौर पर जोड़ा जाता रहा हो, वह धनंजय सिंह कानून से आंख मिचौली खेलते हुए पहली बार सजा पाकर सलाखों के पीछे हैं. आज धनंजय सिंह पर सिर्फ 9 केस बाकी हैं, जो जौनपुर और लखनऊ की अदालत में विचाराधीन हैं. हत्या, हत्या का प्रयास, जान से मारने की धमकी जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद धनंजय सिंह को कभी सजा नहीं हो पाई. मगर इस बार मामला फंस गया.    

किस मामले में हुई धनंजय सिंह को सजा?

10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपहरण-रंगदारी जैसी गंभीर धाराओं मे धनंजय सिंह, विक्रम सिंह समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. इंस्पेक्टर लाइन बाजार को अंग्रेजी में दी गई तहरीर में अभिनव सिंघल ने आरोप लगाया कि बीते कुछ दिनों से उनके पास विक्रम सिंह के मोबाइल नंबर से धनंजय सिंह से मिलने के लिए कॉल आ रही थी. धनंजय सिंह से उन्होंने तब होली से पहले मुलाकात भी की, लेकिन 4 मई से विक्रम सिंह फिर फोन करने लगे. इसके बाद 10 मई 2020 को विक्रम सिंह दो अन्य साथियों के साथ साइट पर आए और धनंजय सिंह के घर ले गए. जहां धनंजय सिंह ने पिस्तौल दिखाकर डराया धमकाया, और जान से मारने की धमकी दी.

 अभिनव सिंघल की इस लिखित शिकायत के बाद धनंजय सिंह पर तत्कालीन इन्स्पेक्टर लाइन बाजार दिनेश प्रकाश शुक्ला ने एफआईआर दर्ज की और अगले ही दिन धनंजय सिंह उनके साथी विक्रम सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया गया. धनंजय सिंह को जमानत मिली. पहली जांच चौकी प्रभारी चौकिया धाम सब इंस्पेक्टर कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने की, लेकिन पुलिस जब बयान लेने के लिए अभिनव सिंघल के पास गई तो वो अपने ही बयान से पलट गए और कहने लगे उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ.     

 

सीओ ने दिया ये आदेश 

इसके बाद कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने वादी मुकदमा के मुकरने और ऐसी कोई घटना नहीं होने के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी. लेकिन तत्कालीन सीओ सिटी ने फाइनल रिपोर्ट पर आपत्ति लगाकर वादी मुकदमा की कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन और आरोपियों की कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन, घटनास्थल के सीसीटीवी को जांच में शामिल करने के निर्देश के साथ अग्रिम विवेचना का आदेश दे दिया. अग्रिम विवेचना इंस्पेक्टर लाइन बाजार को दी गई.

ये था वो मैसेज, जिससे हुई धनंजय सिंह को सजा

पुलिस ने दोबारा जांच शुरू की तो पता चला अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को शाम 5.43pm अपनी कंपनी SPML Pulkit projects Pvt Ltd के सुपरवाइजर हरेंद्र पाल के मोबाइल पर एक वॉट्सऐप मैसेज भेजा था, जिसमें उन्होंने लिखा था- 'धनंजय सिंह के आदमी मुझे उनके घर पर लेकर आए हैं...पुलकित सर को तुरंत बता दीजिए." सुपरवाइजर हरेंद्र पाल के नंबर पर यह मैसेज आया तो उन्होंने एमडी मोहनलाल सिंघल के बेटे पुलकित सिंघल को पूरी घटना फोन पर भी बताई.

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