चंदौली के सैयदराजा में कन्हैया यादव नामक गैंगस्टर को पकड़ने के लिए पुलिस पूरे लाव लश्कर के साथ गई. आरोप है कि दबिश के दौरान कहा गया कि पुलिस की मारपीट से कन्हैया यादव की बेटी की मौत हो गई. आखिर वह कन्हैया यादव किस तरह का अपराधी था और उसके बेटे और बेटियों पर किस तरह के केस दर्ज हैं, यह भी जानना बहुत जरूरी है.
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चंदौली पुलिस के अनुसार, कन्हैया यादव पर कुल 6 मुकदमे दर्ज हैं. साल 2013 में पहला मुकदमा अपशब्दों के इस्तेमाल यानी गाली गलौज करने का दर्ज हुआ. दूसरा मुकदमा साल 2014 में निरोधात्मक कार्रवाई के तौर पर 110 जी का दर्ज हुआ, ऐसा मुकदमा पुलिस अपनी तरफ से ही दर्ज कर लेती है.
कन्हैया यादव पर तीसरा मुकदमा 4 साल बाद साल 2018 में विद्युत अधिनियम में कटिया डालकर बिजली चोरी करने का लिखा गया. चौथा मुकदमा, 2 साल बाद 2020 में सरकारी कर्मचारियों से मारपीट, फसाद करने और गंभीर रूप से घायल करने का लिखा गया. पांचवा मुकदमा साल 2021 के पहले ही दिन पहला मुकदमा सैयदराजा थाने में गुंडा एक्ट का लिखा गया. छठा और आखिरी मुकदमा साल 2021 में ही घर में घुसकर मारपीट करने का लिखा गया.
अब बात अगर कन्हैया यादव के दोनों बेटे दीप नारायण यादव और विजय यादव की करें, तो दोनों ही बेटों पर तीन-तीन मुकदमे दर्ज हैं. 2020 और 2021 के दो मुकदमे ऐसे हैं, जो कन्हैया यादव पर भी दर्ज हुए थे. साल 2020 का मुकदमा सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट और फसाद करने का और 2021 में घर में घुसकर मारपीट का दर्ज है.
दोनों ही बेटों पर जो तीसरा मुकदमा लिखा गया वह एक ही दिन एक ही थाने में और एक साथ लिखा गया. कन्हैया यादव पर साल 2021 के पहले दिन 01/21 क्राइम नंबर का मुकदमा गुंडा का लिखा गया, तो बेटे विजय यादव पर सैयदराजा थाने पर ही 02/21 का लिखा और दूसरे बेटे दीप नारायण पर 03/21 का लिखा गया. यानी पिता कन्हैया यादव और दोनों बेटों विजय यादव दीपनारायण पर गुंडा एक्ट एक साथ लिखा गया.
अगर बात कन्हैया यादव की बेटी गुड़िया उर्फ निशा यादव और गुंजन यादव की करें, तो निशा यादव पर साल 2021 में उसी एक घटना, घर में घुसकर मारपीट का केस दर्ज है जिसमें कन्हैया यादव, विजय यादव और दीप नारायण यादव नामजद थे. यानी पिता और दोनों भाइयों के साथ बेटी गुड़िया उर्फ निशा को भी नामजद किया गया था.
वहीं, दूसरी बेटी गुंजन यादव साल 2020 के उस केस में नामजद है, जिसमें सरकारी कर्मचारी से मारपीट और फसाद का केस दर्ज हुआ था और जिसमें पिता कन्हैया यादव के साथ भाई विजय यादव और दीप नारायण यादव नामजद हुए थे.
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